Thursday , September 18 2025

कानून के जरिए जनसंख्या नियंत्रण करना संभव नही- भूपेश

रायपुर 14 जुलाई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने के भाजपा शासित राज्यों में चल रही कवायद को राजनीतिक चालबाजी करार देते हुए कहा हैं कि इस समस्या का समाधान कानून बनाकर नही हो सकता है।

श्री बघेल ने आज माना विमानतल पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज जिन लोगो को यह समस्या दिख रही है,इन्ही लोगो ने 70 के दशक में कांग्रेस के नसबन्दी के शुरू अभियान के बारे में जोरदार दुष्प्रचार किया था।इसे 1977 के चुनाव में मुख्य मुद्दा बनाया था।अगर इसे उसी समय से आगे बढ़ाया गया होता तो आज यह समस्या इतनी गंभीर बनती ही नही।उन्होने कहा कि भाजपा इस समस्या को राजनीतिक नजरिये से देख रही है,और चुनावों से पहले इसे मुद्दा बनाकर लोगो का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटाने की उसकी कोशिश मात्र है।

उन्होने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए लोगो में देश व्यापी जनजागरण की जरूरत है।वैसे भी समाज में इसको लेकर काफी बदलाव आया है।आज गरीब से गरीब व्यक्ति भी इस समस्या को समझ रहा है,और एक दो बच्चों की सोच लोगो में विकसित हुई है।जनगणना के आंकड़ों में भी यह परिलक्षित होता है।उन्होने जनता कांग्रेस के दो विधायकों के सदन में अलग बैठने की अनुमति मांगने सम्बन्धी खबरों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अगर इस तरह का कोई मामला होगा तो अध्यक्ष उस पर निर्णय लेंगे।कांग्रेस के पास तीन चौथाई बहुमत है उसे इससे कुछ लेना देना नही है।

श्री बघेल ने कहा कि पर्वारण कितनी बड़ी समस्या है यह सभी ने कोरोना काल में अच्छी तरह जाना है।उन्होने कहा कि इसको देखते हुए उनकी सरकार ने औद्योगिक रूप से खाली जमीन पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का निर्णय लिया है।पहली बार फलदार वृक्ष लगाने का निर्णय हुआ है।श्री बघेल ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि बस्तर में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को काफी पीछे ढ़केल दिया है,और वह आस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे है।

उन्होने काफी अर्से बाद राज्यपाल से कल हुई मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सौहार्दपूर्ण इस मुलाकात पर लंबित बिलों के बारे में चर्चा हुई।कुछ पर राज्यपाल की आपत्ति थी उस पर भी विचार निमर्श हुआ।उन्होने कहा कि राज्यपाल ने मुख्य रूप से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरियां करने के मामले पर चिंता जताई।उनकी सरकार ने इस मामले में काफी तेजी से कदम उठाए है।दुर्भाग्य से कई मामलों में न्यायालय से स्थगन कर लोग नौकरियां कर रहे है।इसके लिए तत्काल सुनवाई करवाने की कोशिश हो रही है।