मुबंई 21 नवम्बर।भारतीय नौसेना की ताकत में वृद्धि करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां नौसैनिक बंदरगाह पर स्वदेश विकसित मिसाईल नाशक पोत आईएनएस विशाखापत्तनम का जलावतरण किया।
यह विध्वंसक पोत युद्ध चुनौतियों से निपटने में नौसेना की क्षमता और ताकत बढ़ाने में सक्षम है। इसके साथ ही विशाखापत्तनम श्रेणी के चार विध्वंसक पोतों में से पहला पोत नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल हो गया। रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र अधिक आत्मनिर्भर हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि हमारी नेवी आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में इंडियानाइज्ड शिप और सबमेरिन्स की मेन्यूफेक्चरिंग पहले से बहुत आगे रही है। मेक इन इंडिया जैसे इनिशेटिव के साथ जुड़ते हुए नेवी ने वर्ष 2014 में 75 प्रतिशत एओएम तथा 66 प्रतिशत कास्ट बेसिस कांट्रेक्ट्स इंडियन वैंडर्स को दिए हैं तथा लगभग 90 परसेंट नेवल एम्युनेशन का इंडियनाइजेशन हुआ है। इसके अतिरिक्त पिछले पांच फाइनेंशल ईयर से नेवी के मॉर्डनाजेशन बजट का दो तिहाई से अधिक भाग स्वदेशी खरीद पर ही खर्च किया गया है।
आईएनएस विशाखापत्तनम के कमांडिंग ऑफिसर बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि नौसेना में शामिल होने के बाद इस पोत के कुछ और परीक्षण किए जाएंगे।