नई दिल्ली/रायपुर 03 नवम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार अपनी सहज-सरल उद्योग नीति के तहत निवेशकों को हर प्रकार की जरूरी सुविधाएं देने के लिए तत्पर हैं। राज्य में अब तक खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए पांच हजार करोड़ रूपए से ज्यादा के एमओयू हो चुके हैं।
डा.सिंह ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन मे आयोजित भारत के विश्व खाद्य प्रसंस्करण सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के पेवेलियन का शुभारंभ करने के बाद निवेशकों के चर्चा कर रहे थे।उन्होने छत्तीसगढ़ में कृषि और वनोपजों पर आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में निवेश की संभावनाओं के बारे में निवेशकों को जानकारी देते हुए राज्य में उद्योग लगाने का न्यौता दिया।
डॉ.सिंह ने निवेशकों को बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को सुविधाएं एवं भू-खण्ड उपलब्ध कराने और निवेश को बढावा देने के उद्देश्य से राज्य के धमतरी जिले में लगभग 300 करोड़ रूपए की लागत से 170 एकड़ के रकबे में फूड पार्क की स्थापना की जा रही है। निजी क्षेत्र में एक अन्य मेगा फूड पार्क की स्थापना 64 एकड भूमि पर सिमगा में की जा रही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में कुछ अन्य फूड पार्कों की स्थापना के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के प्रतिनिधियों ने वाडीलाल आइसक्रीम कम्पनी के श्री देवांशु, केवेन्टर एग्रो लिमिटेड के श्री मयंक जालान, टेट्रापैक कम्पनी से सुश्री मंजूषा सिंह, माप्रो फूड प्रोडक्ट के श्री मयूर वोरा, मेट्रो केश एण्ड कैरी कम्पनी के श्री अरविन्द मेहन्दीरत्ता , ट्रांसवर्ल्ड दुबई के श्री रीतेश, इमामी एग्रोटेक के श्री सुधाकर राव देसाई , लाटे, इंडिया फूड के श्री मिलन वाही, अवर फूड प्रोसेसिग कम्पनी के श्री बाला रेड्डी, सेल्डएयर पैकेजिंग कम्पनी के श्री कॉरी डेरी सहित अन्य कम्पनियों के प्रमुख अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने छत्तीसगढ़ में निवेश की मंशा प्रकट की।
निवेशकों से मुख्यमंत्री की मुलाकात के दौरान राज्य के उद्योग विभाग के विशेष सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, उद्योग विभाग की संचालय श्रीमती अलरमेल मंगई डी सहित छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक सुनील मिश्रा भी मौजूद थे।