31 जुलाई को उत्तराखंड, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ गरज के साथ बौछारें पड़ने की भी संभावना है. जिन जगहों पर ज्यादा बारिश दर्ज की गई, उनमें धर्मशाला (7 सेमी.) पटियाला-(5 सेमी.), हिसार और बगडोगरा (4 सेमी.), मंडी, टिहरी, मुजफ्फरपुर, कोयंबटूर, कुन्नूर, उत्तरी लखीमपुर, पासीघाट, कटरा, देहरादून (3 सेमी.) शामिल हैं.
आईएमडी के मुताबिक समुद्र तल पर मानसून की ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में स्थित है. अगले 4-5 दिनों के दौरान इसके सामान्य स्थिति से उत्तर में बने रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने 30 जुलाई से 3 अगस्त के दौरान उत्तराखंड में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है. इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक 31 जुलाई को झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार में अलग-अलग जगहों पर भारी वर्षा की होने की भी संभावना है
जबकि आईएमडी के मुताबिक केरल, कर्नाटक, दक्षिण मध्य बंगाल की खाड़ी में और उसके बाहरी इलाकों में तेज हवाएं (हवा की गति 40-50 किमी प्रति घंटे से 60 किमी प्रति घंटे) चलने की संभावना है. दक्षिण पश्चिम अरब सागर और उससे सटे पश्चिम मध्य अरब सागर में 45-55 किमी प्रति घंटे से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है. इन इलाकों के मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है
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