छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में प्रशासनिक कसावट मजबूत करने के लिए पिछले महीने 5 नए जिले बनाए गए हैं. वहीं अब राज्य में जिलों की संख्या 28 से 33 हो गई है. इससे अब राज्य का मैप भी बदल दिया गया है. भौगोलिक स्वरूप में नई रेखाएं खींची गई हैं. छत्तीसगढ़ के नए मैप की आधिकारिक तस्वीर भी अब सामने आ गई है. इसमें मूल जिले से अलग हुए नए जिलों के बॉर्डर निर्धारित कर दिए गए हैं
4 साल में 6 नए जिले
दरअसल, बीते 4 साल में 6 नए जिले और 77 तहसील बनाए गए हैं. नवगठित सभी छह जिलों में कामकाज की शुरूआत हो चुकी है. इन जिलों में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक पदस्थ किए जा चुके हैं. अन्य विभागों के जिला अधिकारियों की नियुक्ति हो चुकी है. नये जिले के अस्तित्व में आने के बाद लोगों को राजस्व प्रशासन के साथ जिले में सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने लगा है

अब 22 जिले लगेंगे पड़ोसी राज्यों से
दुर्ग संभाग में राजनांदगांव जिले से दो नए जिले बनाए गए हैं. उत्तर राजनांदगांव को खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और दक्षिण राजनांदगांव को मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिला बनाया गया है. इससे महाराष्ट्र की सीमा मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी से लगेंगी. इसके साथ अब 7 पड़ोसी राज्यों से सीमा बनाने वाले जिलों की संख्या 22 हो गई है. ये संख्या पहले 18 थी.
4 साल में 27 से 33 हो गए जिलों की संख्या
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ भौगोलिक दृष्टि से देश का नवां बड़ा राज्य है. एक नवंबर 2000 को गठित इस राज्य में शुरू में 16 जिले थे. प्रशासनिक आवश्यकता को देखते हुए यहां साल 2007 में 2 नए जिले नारायणपुर व बीजापुर का गठन किया गया. इसी प्रकार एक जनवरी 2012 को 9 नये जिले सुकमा, कोंडागांव, बालोद, बेमेतरा, बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, मुंगेली, सूरजपुर और बलरामपुर-रामानुजगंज बनाए गए. इसके बाद 10 फरवरी को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का उद्घाटन किया गया. इस साल सितंबर में पांच और नए जिले बनाए गए इनमें मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई है
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