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भाजपा ने बढ़ाई आप की टेंशन, पढ़े पूरी ख़बर

दिल्ली की सत्ता पर 8 साल से काबिज आम आदमी पार्टी (आप) के लिए ‘हनीमून पीरियड’ खत्म होता दिख रहा है। लंबे समय बाद उसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हर मोर्चे पर कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गई है तो दूसरी तरफ एमसीडी में जीत के बावजूद सत्ता नहीं हासिल कर पा रही है। एलजी वीके सक्सेना से टकराव को लेकर बढ़ी परेशानी अलग से है। दिल्ली की राजनीति पर करीब से निगाह रखने वाले जानकार कहते हैं कि ‘आप’ की स्थापना के बाद से पहली बार केजरीवाल इतने बेबस दिख रहे हैं और राजधानी की राजनीति में उन्हें एक के बाद एक ब्रेकर का सामना करना पड़ रहा है।
‘कट्टर ईमानदारी’ वाली छवि पर चोट भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी कट्टर ईमानदारी का दावा करती है और जनता के बीच अपनी छवि को साफ-सुथरी रखने में पार्टी कामयाब भी रही है। लेकिन पिछले एक साल में केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन कई महीनों से जेल में बंद हैं तो कथित शराब घोटाले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आरोप बनाए गए हैं। ईडी ने ताजा आरोपपत्र में आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल का भी नाम ले लिया है। उन पर आरोपियों से मिलीभगत के आरोप लगाए गए हैं। अब तक दस्तावेजों का पुलिंदा सामने रख भाजपा और कांग्रेस नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले केजरीवाल अपनी सरकार के बचाव में जुटे हुए हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दिल्ली सरकार में घोटाला हुआ या नहीं यह तो कोर्ट के फैसले से बाद में तय होगा, लेकिन आरोपों की वजह से ‘आप’ की छवि जरूर प्रभावित हो सकती है। एमसीडी में जीत मिली पर खुश होने का मौका नहीं इस बीच एमसीडी में हुए चुनाव में ‘आप’ ने जीत जरूर हासिल की, लेकिन 15 साल तक सत्ता चलाने वाली भाजपा बहुत पीछे नहीं रही। अरविंद केजरीवाल की ओर से किए गए 20 से कम सीटों पर समेट देने के दावों के उलट भगवा पार्टी शतक लगाने में कामयाब रही। 105 पार्षद, 7 लोकसभा सांसद और 10 एल्डरमैन के साथ पार्टी ने ‘आप’ के सामने मेयर चुनाव में कड़ी चुनौती पेश कर दी है। मेयर और डिप्टी मेयर पद जीतने के लिए ‘आप’ का अंकगणित भले ही मजबूत दिख रहा है, लेकिन स्टैंडिंग कमिटी में भाजपा के समीकरण ने चिंता बढ़ा दी है। आप और भाजपा में जोरदार टकराव की वजह से मेयर चुनाव तीन बार टल चुका है। पिछले दो महीने में जो ट्रेलर दिखा है उससे यह साफ हो गया है कि एमसीडी में ‘आप’ को मजबूत विपक्ष का सामना करना पड़ेगा।