नई दिल्ली 16 जनवरी। उच्चतम न्यायालय ने अंतरजातीय विवाह करने वाले बालिग पुरूष और महिला पर खाप पंचायत और किसी संघ के हमलों को पूरी तरह गैर कानूनी बताया है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज कहा कि कोई भी बालिग पुरूष और महिला अपनी पसंद से विवाह कर सकते हैं और खाप पंचायत,व्यक्ति और समाज उन पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।न्यायालय ने परिवार की इज्जत के नाम पर अंतरजातीय विवाह करने वाले युवा दंपत्तियों के शोषण और उनकी हत्याओं को रोकने के लिए न्यायमित्र राजू रामचंद्रन द्वारा सुझाए गए कदमों पर केंद्र से सुझाव मांगे हैं।
पीठ ने केंद्र से यह भी पूछा है कि ऐसे हमलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। न्यायालय ने कहा कि यदि केंद्र सरकार खाप पंचायतों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई नहीं करती है तो न्यायालय को कदम उठाने पड़ेंगे। अगली सुनवाई 05 फरवरी को होगी।
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