Thursday , November 14 2024
Home / MainSlide / राज्यसभा ने चन्‍द्रयान-3 की सफलता पर वैज्ञानिकों के अभिनंदन का प्रस्ताव किया पारित  

राज्यसभा ने चन्‍द्रयान-3 की सफलता पर वैज्ञानिकों के अभिनंदन का प्रस्ताव किया पारित  

नई दिल्ली 20 सितम्बर। राज्यसभा ने चन्‍द्रयान-3 की सफलता पर वैज्ञानिकों को अभिनंदन देने संबंधी प्रस्‍ताव आज सर्वसम्‍मति से पारित कर दिया।

    सदन में आज चंद्रयान-3 मिशन की सफलता सहित भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा हुई। राज्‍यसभा के सभापति जगदीप धनखड ने प्रस्‍ताव पढते हुए कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम राष्‍ट्रीय गौरव का स्रोत है। उन्‍होंने कहा कि यह राष्‍ट्र की वैज्ञानिक और तकनीकी शक्ति का प्रमाण है। उन्‍होंने कहा कि दूरगामी नेतृत्‍व और मजबूत तंत्र ने हमारे वैज्ञानिकों को अपनी क्षमता का सही उपयोग करने तथा ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करने में समर्थ किया।

    श्री धनखड ने कहा कि चांद के दक्षिणी ध्रुव के निकट चन्‍द्रयान को सफलतापूर्वक उतारने की विशिष्‍ट उपलब्धि हासिल करने के लिए सदन, महिला वैज्ञानिकों सहित सभी वैज्ञानिकों की सराहना करता है। उन्‍होंने कहा कि यह उपलब्धि तथा अन्‍य अंतरिक्ष मिशन देश के आर्थिक और सामाजिक उत्‍थान में मदद करेंगे।

   चर्चा की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मंत्री और सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 को उतारकर पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने अन्य देशों की तुलना में अंतरिक्ष क्षेत्र में कम लागत में बेहतरीन  प्रदर्शन किया है। श्री गायेल ने कहा कि कई देशों ने हमारे अंतरिक्ष मिशन से जुड़ने की इच्छा जताई है।

    कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विक्रम साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को गति देने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन बनाया। उन्‍होने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम एकमात्र कार्यक्रम है जो मौसम के पूर्वानुमान, संचार और ग्रामीण विकास के लिए अंतरिक्ष के उपयोग जैसे विकास संबंधी पहलुओं पर केन्द्रित है। श्री जयराम रमेश ने कहा कि चंद्रयान 3 की सफलता पिछले छह दशकों की क्षमताओं का परिणाम है।

     केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान 3 मिशन की सफलता विज्ञान और वैज्ञानिकों के लिए जश्न मनाने का समय है। उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक प्रतिभा और क्षमताओं से भरपूर हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में अंतरिक्ष विभाग के लिए बजटीय आवंटन 142 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 2013-14 में बजटीय आवंटन करीब पांच हजार 168 करोड़ रुपये ही था, जबकि चालू वित्त वर्ष में इसे बढ़ाकर करीब 13 हजार करोड कर दिया गया है।

    डॉ. सिंह ने कहा कि देश ने अब तक विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण से 17 करोड 40 लाख अमरीकी डॉलर कमाए हैं, जिसमें से 15 करोड 7 लाख अमेरिकी डॉलर पिछले नौ वर्षों में कमाए गए हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रयान पर 600 करोड़ रुपये की लागत आई है।

      वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि इसरो ने अंतरिक्ष क्षेत्र में उल्‍लेखनीय योगदान दिया है। उन्‍होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश भविष्‍य के लिए निवेश है। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि 1975 में अपने पहले उपग्रह आर्यभट्ट को प्रक्षेपित करने के लिए भारत ने तत्‍कालीन सोवियत संघ की मदद ली थी और आज भारत विदेशी उपग्रह प्रक्षेपित कर रहा है।

    चर्चा में तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार, डी एम के पार्टी के तिरुचि शिवा, आम आदमी पार्टी के संदीप कुमार पाठक, भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के डॉक्‍टर शिवदासन, भारत राष्‍ट्र समिति के के0आर0 सुरेश रेड्डी और राष्‍ट्रीय जनता दल के ए0 डी0 सिंह ने भाग लिया।