रायपुर 15 मार्च।कांग्रेस नेताओं के आरोपों के बीच छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ ने दावा किया हैं कि तेन्दूपत्ते की अग्रिम नीलामी में सभी नियमों औरप्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल एवं कांग्रेस विधायक दल के उप नेता कवासी लकमा के आरोपों के तुरन्त बाद संघ के अधिकारियों ने दी गई सपआ ने कहा कि अग्रिम निविदा प्रक्रिया आनलाइन होने के कारण पूर्ण रूप सेपारदर्शी है।निविदाओं का गहन अध्ययन और उनमें प्राप्त दरों का परीक्षण और अनुमोदन राज्य शासन के स्तर पर गठित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की अंतर्विभागीय समिति द्वारा किया जाता है।सीमावर्ती राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलांगाना, झारखण्ड और आंधप्रदेश की तुलना मेंछत्तीसगढ़ राज्य में इस वर्ष सर्वाधिक 5847 रूपए प्रति मानक बोरे की अग्रिम विक्रय दर प्राप्त हुई है।
उन्होने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में तेन्दूपत्ता संग्रहण और विक्रय का कारोबार लघुवनोपज संघ के माध्यम से किया जाता है। अन्य अराष्ट्रीयकृत लघु वनोपजों का संग्रहण, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन ही लघु वनोपज संघ में सहकारिता के तीन स्तरों वाले ढांचे के अंतर्गत किया जा रहा है। तेन्दूपत्ता राष्ट्रीयकृत लघु वनोपज है, छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में इसका उत्पादन होता है। जहां तक तेन्दूपत्ते के व्यवसाय का संबंध है, यह प्रदेश के12 लाख से ज्यादा संग्राहक परिवारों के लिए हर साल अतिरिक्त आमदनी का एक अच्छा माध्यम है।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि वर्तमान में राज्य शासन की नीति के अनुसार संग्रहित किए जाने वाले तेन्दूपत्ते का अग्रिम विक्रय अखिल भारतीय स्तरपर ई-निविदा के माध्यम से किया जाता है। यह प्रक्रिया आनलाइन होने के कारण जहां पूर्ण रूप से पारदर्शी है, वहीं इसमें निविदाकारों के बीच प्रतिस्पर्धा रहतीहै। निविदाओं पर प्रस्तुत की जाने वाली दरें मुख्यतः बाजार की मांग और आपूर्ति पर आधारित रहती है।
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