नई दिल्ली 31 मार्च।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इच्छाशक्ति और कार्यशक्ति किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी संपदा है और यदि लोग बदलाव का संकल्प ले लें, तो सब कुछ संभव है।
श्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन-2018 के ग्रैंड-फिनाले को संबोधित करते हुए कल कहा कि नवाचार में विश्व की चुनौतियों को हल करने की शक्ति है। उन्होंने समस्याओं को हल करने के लिए उनके मूल कारणों को समझने और लीक से अलग हटकर सोचने पर बल दिया।
उन्होने कहा कि न्यू इंडिया का यह ट्रांस्फोर्मेशन, क्या कुछ सीमित प्रयासों से संभव है, तो जवाब मिलेगा जी नहीं। इसके लिए आवश्यक है समास्याओं की जड़ तक जाकर समाधान के लिए आउट ऑफ बॉक्स, नये-नये तौर तरीके, नये-नये रास्ते खोजना।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में कोई भी सर्वज्ञाता नहीं है और यही बात सरकारों पर भी लागू होती है। यदि सरकारें सोचें कि वे अकेले ही बदलाव ला सकती हैं तो यह भूल होगी। भागीदार पूर्ण प्रशासन से ही परिवर्तन लाये जा सकते हैं। श्री मोदी ने बताया कि सरकार उच्च शिक्षा क्षेत्र को अधिक स्वायत्तता देना चाहती है।
श्री मोदी ने कहा कि..सरकार का जोर, देश में हायर एजुकेशनल इन्स्टीट्यूशन को ज्यादा से ज्यादा स्वायत्तता यानी कि ऑटोनॉमी देने का है।सरकार देश में वर्ल्ड क्लास ट्वेंटी इन्स्टीट्यूशन्स ऑफ इमिनेंश बनाने पर भी काम कर रही है।इनमें से चुने गये पब्लिक सैक्टर के दस इन्स्टीट्यूट को कुल दस हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता भी सरकार द्वारा दी जाएगी..।
एक हजार दो सौ महाविद्यालयों के लगभग एक लाख विद्यार्थी विश्व के इस सबसे बड़े हैकेथॉन में भाग ले रहे हैं। 36 घंटे के ग्रैंड फिनाले का आयोजन देश के 28 केंद्रो में किया गया है।