कांग्रेस पार्टी को उस वक्त शर्मिंदगी उठानी पड़ी जब उसकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर इस कार्यक्रम में शामिल हुए। अय्यर ने एक सेमिनार में शिरकत की और अपने संबोधन में राज्य सरकार की तारीफ की।
केरल में कांग्रेस पार्टी को उस वक्त शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब पार्टी के बहिष्कार के बावजूद पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर केरल सरकार के ‘केरलीयम’ कार्यक्रम में शामिल हुए। बता दें कि केरल की वामपंथी सरकार की उपलब्धियों को प्रचारित करने के लिए सरकार ने केरलीयम फेस्टिवल आयोजित करने का फैसला किया है। इस कार्यक्रम के लिए केरल सरकार ने करोडों रुपये का फंड आवंटित किया है।
विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि जब राज्य पैसों की कमी से जूझ रहा है, ऐसे वक्त में केरल सरकार इतने खर्चीले कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। यही वजह है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ गठबंधन ने केरलीयम कार्यक्रम का बहिष्कार करने का एलान किया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी को उस वक्त शर्मिंदगी उठानी पड़ी जब उसकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर इस कार्यक्रम में शामिल हुए। अय्यर ने एक सेमिनार में शिरकत की और अपने संबोधन में राज्य सरकार की तारीफ की।
अपने संबोधन में पूर्व मंत्री ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव ने केरल में गरीबी को खत्म करने के लिए पंचायती राज पर फोकस करने की बात कही, जिससे उन्हें खुशी मिली। अय्यर ने कहा कि अगर केरल गरीबी मिटाने वाला पहला राज्य बना तो मैं इसके लिए राज्य के लोगों को बधाई देना चाहता हूं। बता दें कि देश में पंचायती राज व्यवस्था को लागू करने वाले लोगों में मणिशंकर अय्यर का नाम प्रमुख है। उन्होंने कहा कि सरकारें बदलती रहती हैं लेकिन इससे केरल के लोगों की पंचायती राज के प्रति प्रतिबद्धता पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
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