कानपुर: एआई की मदद से तूफान में फंसे सैनिक की पहचान कर सकेगा आईआईटी का ड्रोन। इंक्यूबेटेड स्टार्टअप एथ्रोन एयर स्पेस कंपनी ने नौसेना से करार किया।
समुद्र के उफनाते तूफान में फंसे नौसैनिकों को डूबने से बचाने के लिए आईआईटी कानपुर ने एक ड्रोन तैयार किया है। यह ड्रोन लाइफ सेविंग जैकेट फेंककर न केवल नौसैनिकों को डूबने से बचाएगा बल्कि समुद्री जहाज तक उस सैनिक की सही लोकेशन भी भेजेगा। शुरुआत में इसे नौसेना के लिए डिजाइन किया जा रहा है, लेकिन आने वाले समय में इसका इस्तेमाल प्राकृतिक आपदा में फंसे लोगों को बचाने के लिए भी किया जाएगा।
आईआईटी से इंक्यूबेटेड स्टार्टअप एथ्रोन एयर स्पेस कंपनी ने 2015 में इस ड्रोन पर काम करना शुरू किया था। एआई ऑपरेटेड इस ड्रोन में सेंसर, हाई विजुअल कैमरे और डिवाइस लगाई गई है। यह डिवाइस जहाज के साथ भी अटैच होगी, जो लोकेशन देती रहेगी। समुद्र में जैसे ही कोई तूफान आता है और किसी सैनिक के पानी में गिरने की जानकारी होती है तो आसपास खड़े जहाज के कंट्रोल रूम में लगे बटन को ऑन करने पर दो सेकेंड में ड्रोन एक्टिवेट हो जाता है।
इसके बाद एआई की मदद से ड्रोन सैनिक को ढूंढ लेगा और ड्रोन में रखी लाइफ सेविंग जैकेट नीचे फेंक देगा। साथ ही सैनिक की लोकेशन भी जहाज पर भेजेगा। कंपनी से जुड़े सुयश सोनी ने बताया कि अक्सर नौसैनिकों को डूबने से बचाने के लिए हेलीकाॅप्टर का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इसमें कम से कम 20 मिनट का समय लगता है। ऐसे में पानी में गिरे सैनिक के बचने की उम्मीद कम होती है। इसी कारण कंपनी ने ड्रोन बनाकर भारतीय नौसेना के साथ करार किया है।
ड्रोन तय कर सकता है 40 किमी की दूरी
यह ड्रोन 40 किलोमीटर का सफर तय कर सकता है। साथ ही एक घंटे तक हवा में रह सकता है। सुयश ने बताया कि अक्तूबर तक इसका काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि न केवल नौसेना बल्कि प्राकृतिक आपदा में फंसे लोगों को भी ड्रोन से बचाया जाएगा।
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