लोकसभा चुनाव में करारा झटका झेलने के कुछ ही सप्ताह के अंदर महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन ने विपक्षी दलों की महाविकास आघाड़ी (मविआ) को विधान परिषद चुनाव (Maharashtra MLC Election) में धूल चटाकर आगे की रणनीति के संकेत दे दिए हैं। शुक्रवार को विधान परिषद की 11 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपानीत महायुति (गठबंधन) अपने सभी नौ उम्मीदवार जिताने में सफल रही, जबकि मविआ के तीन में से दो ही उम्मीदवार जीत सके।
महाराष्ट्र में महायुति में शामिल सभी दल राजग के सदस्य हैं। लोकसभा चुनाव के बाद विधान परिषद चुनावों पर सभी की निगाहें लगी थीं। क्योंकि इन चुनावों में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की एकता और रणनीतिक कुशलता परखी जानी थीं, लेकिन विपक्षी दलों का गठबंधन इन दोनों मोर्चों पर असफल सिद्ध हुआ। इन चुनावों में सभी उम्मीदवारों को जीत के लिए कम से कम 23-23 मतों की आवश्यकता थी।
किसे मिले कितने वोट?
भाजपा अपने सभी उम्मीदवारों के लिए 26-26 मत जुटाने में सफल रही। उसकी सहयोगी राकांपा (अजीत) के भी दोनों उम्मीदवार क्रमश: 23 और 24 मत लेकर विजयी रहे। शिवसेना (शिंदे) के दोनों उम्मीदवारों को भी क्रमश: 24 और 25 मत मिले। दूसरी ओर महाविकास आघाड़ी के दलों में सर्वाधिक 25 मत कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. प्रज्ञा सातव को मिले।
शिवसेना (यूबीटी) के मिलिंद नार्वेकर को प्रथम चक्र में जीत के लिए जरूरी न्यूनतम मतों से एक कम 22 मत ही मिल सके थे। वह दूसरे चक्र में प्रज्ञा सातव के दूसरी पसंद के तीन अतिरिक्त मत पाकर विधान परिषद में पहुंच सके। जबकि नार्वेकर शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के निजी सचिव हैं और उन्हें उद्धव का दाहिना हाथ माना जाता है।
एनडीए ने की विपक्ष में सेंधमारी
महाविकास आघाड़ी के तीसरे उम्मीदवार राकांपा (शपा) समर्थित जयंत पाटिल को 12 मत पाकर हार का मुंह देखना पड़ा। जीत के बाद भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कांग्रेस के मत फूटने का दावा किया। यह बात सच साबित होती भी लग रही है, क्योंकि राकांपा (अजीत) के पास कुल 42 विधायक थे, लेकिन उनके दोनों प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 47 मत मिले।
इसी प्रकार भाजपा के अपने कुल 103 विधायक ही थे, लेकिन प्रथम चक्र की गिनती में ही वह अपने पांचो प्रत्याशियों के लिए 118 मत जुटाने में सफल रही। इस प्रकार प्रथम चक्र में ही उसके चार उम्मीदवार 26-26 मत पाकर जीतने में सफल रहे।
विपक्ष के विकेट ऐसे ही गिरते रहेंगे: सीएम शिंदे
प्रथम चक्र में 14 मतों तक ही पहुंच सके उसके पांचवे उम्मीदवार सदाभाऊ खोत भी दूसरे चक्र की गिनती के बाद 26 मतों तक जा पहुंचे। इस विजय का रणनीतिकार एक बार फिर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को माना जा रहा है। इस जीत के बाद विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आगे-आगे देखिए क्या होता है। विपक्ष के विकेट इसी तरह गिरते रहेंगे।
अजित पवार ने बताई जीत की रणनीति
हाल के लोकसभा चुनाव में सबसे बुरी हार अजित पवार की हुई थी। कयास लगाए जा रहे थे कि जल्दी ही उनके कई विधायक शरद पवार की पार्टी राकांपा (शपा) में चले जाएंगे, लेकिन आज विधान परिषद चुनाव में अपने दोनों उम्मीदवारों की जीत के बाद अजित पवार ने कहा कि इस चुनाव की रणनीति बनाने के लिए हमने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ तीन बैठकें कीं और तय किया कि अपने-अपने विधायकों से मतदान किस प्रकार करवाया जाए। हमने तय किया कि हम एक-दूसरे के विधायकों को अपनी ओर खींचने का प्रयास नहीं करेंगे। इस रणनीति के कारण ही महायुति के सभी नौ प्रत्याशी जीतने में सफल रहे।
दूसरे दलों के विधायकों ने भी जताया भरोसा: फडणवीस
अजित पवार ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में भी इसी रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन कर महायुति पुन: सरकार बनाएगी। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अब जीत का सिलसिला शुरू हो गया है। यह आगे विधानसभा चुनाव में भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जब हमने महायुति के नौ उम्मीदवार खड़े किए तो कुछ लोग कह रहे थे इनमें से कोई हारेगा, लेकिन हमारे नौ के नौ उम्मीदवार जीते। हमें न सिर्फ हमारे वोट मिले, बल्कि दूसरे दलों के विधायकों ने भी हम पर भरोसा जताया।
विजयी उम्मीदवार
भाजपा
पंकजा मुंडे – 26
योगेश टिलेकर – 26
परिणय फुके – 26
अमित गोरखे – 26
सदा भाऊ खोत – 26
शिवसेना
भावना गवली – 24
कृपाल तुमाने – 25
राकांपा
राजेश विटेकर – 23
शिवाजी राव गर्जे – 24
कांग्रेस
डॉ.प्रज्ञा सातव – 25
शिवसेना (यूबीटी)
मिलिंद नार्वेकर – 24
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