रायपुर 23 सितम्बर।छत्तीसगढ़ में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के उपार्जन केन्द्रों में न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति के तहत धान और मक्का खरीदी की तैयारी शुरू कर दी गई है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि प्रदेश की एक हजार 333 सहकारी समितियों के अंतर्गत इसके लिए एक हजार 998 उपार्जन केन्द्र (खरीदी केन्द्र) बनाए गए हैं। इस बार मानसून की अच्छी बारिश को देखते हुए उपार्जन केन्द्रों में 75 लाख मीटरिक टन धान की आवक होने का अनुमान लगाया गया है।इसी तरह प्रदेश में मक्के की खेती के बढ़ते रकबे को ध्यान में रखकर 40 हजार टन मक्के का उपार्जन अनुमानित है। खरीदी छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर एक नवम्बर से शुरू हो जाएगी।
उन्होने बताया कि धान और मक्का खरीदी की तैयारियों के लिए उनके विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त संभागीय कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों को यहां परिपत्र जारी कर दिया गया है। परिपत्र में इस खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 के लिए धान और मक्का उपार्जन की नीति निर्धारित की गई है। परिपत्र के अनुसार उपार्जन केन्द्रों में धान की नगद और लिकिंग में खरीदी करीब तीन माह तक अर्थात 31 जनवरी 2019 तक चलेगी। मक्का खरीदी का कार्य सात महीने तक अर्थात एक नवम्बर से शुरू होकर 31 मई 19 तक चलेगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किसानों को धान के प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य के साथ 300 रूपए का बोनस भी जोड़कर देने की घोषणा की है। केन्द्र सरकार द्वारा इस खरीफ वर्ष के लिए सामान्य धान पर 1750 रूपए और ए-ग्रेड धान पर 1770 रूपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया है, जो पिछले साल के मुकाबले 200 रूपए ज्यादा है। किसानों को राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले 300 रूपए प्रति क्विंटल की बोनस राशि को मिलाकर इस वर्ष सामान्य धान पर 2050 रूपए और ए-ग्रेड धान पर 2070 रूपए की धनराशि मिलेगी।
वहीं मक्के पर केन्द्र द्वारा 1700 रूपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। किसानों को राशि का डिजिटल भुगतान होगा। उनके खातों में राशि ऑनलाइन जमा कर दी जाएगी।
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