नई दिल्ली 29सितम्बर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवोन्मेष को शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनाने पर जोर देते हुए कहा है कि नवोन्मेष के बिना जीवन थम सा जाता है।
श्री मोदी ने आज यहां पुनरुत्थान के लिए शिक्षा पर अकादमिक नेतृत्व विषय पर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि..आज की शिक्षा के तीन स्तंभ हैं जीवन निर्माण, मानवता और चरित्र गठन। स्वामी जी के इन्हीं विचारों से प्रेरित होकर के मैं आज इसमें एक ओर स्तंभ जोड़ने का साहस कर रहा हूं, और वे है नवोन्मेष इनोवेशन।जब इनोवेशन अटक जाता है तो जिंदगी ठहर जाती है।अगर हम इन चारों पहलुओं को लेकर अपनी उच्चशिक्षा के पुनरूत्थान के बारे में सोचेंगे तो हमें एक सही दिशा दिखाई देती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि..मेरा आग्रह है कि विद्यार्थियों को कॉलेज, यूनिवर्सिटीज़ के क्लासरूम में ज्ञान दें लेकिन उन्हें देश की आशा, आकांक्षाओं के साथ भी जोड़ना होगा। इसी मार्ग पर चलते हुए केंद्र सरकार की भी यही कोशिश है कि हम हर स्तर पर देश की आवश्यकताओं में शिक्षण संस्थानों को भागीदार बना रहे हैं।इसी विजन के साथ हमने अटल टिंकरिंग लैब की शुरूआत की है। इसमेंस्कूली बच्चों में इनोवेशन की प्रवृति बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है..।
श्री मोदी ने स्वामी विवेकानंद औररवीन्द्र नाथ टैगोर के आदर्शों का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा मनुष्य केचहुमुखी विकास का प्रमुख साधन है।प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कुपोषणऔर स्वच्छता के संबंध में सरकार की कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं के लाभों केबारे में लोगों को जानकारी देने के काम में विद्यार्थियों को शामिल करने का सुझाव दिया।
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