सिंगापुर 14 नवम्बर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापक और संतुलित क्षेत्रीय आर्थिक भागीदारी समझौते को अंतिम रूप देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई है।
श्री मोदी ने आज यहां क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी – आरसीईपी शिखर सम्मेलन में सभी नेताओं से अपने व्यापार मंत्रियों को वांछित अधिकार देने का आग्रह किया ताकि वार्ता शीघ्र संपन्न हो सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतिम समझौता आधुनिक, व्यापक, संतुलित और परस्पर लाभदायी होना चाहिए। ये बातचीत आसियान के दस सदस्य देशों और एशिया प्रशांत क्षेत्र के छह देशों के बीच हो रही है जिनके साथ आसियान देशों का मुक्त व्यापार समझौता है। ये छह देश हैं – भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड।
वाणिज्य मंत्रालय में अपर सचिव सुधांशु पांडे ने सम्मेलन के बाद पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री ने आपसी और विभिन्न पक्षों से बातचीत में तेज़ी लाकर समझौते को शीघ्र ही पूरा करने पर ज़ोर दिया है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगापुर में अमरीका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस से मुलाकात की उन्होंने अमरीका को भारत में रक्षा उपकरण बनाने के लिए आमंत्रित किया। श्री मोदी ने कहा कि भारत अन्य क्षेत्रों में निर्यात का प्रमुख केन्द्र बन सकता है।
विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि श्री पेन्स ने यह स्वीकार किया कि भारत ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में आर्थिक और राजनयिक रूप से अच्छी प्रगति की है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के दृढ़ नेतृत्व की सराहना भी की।