मुबंई 23 नवम्बर।महाराष्ट्र में कांग्रेस, राकांपा (शरद पवार) और शिव सेना (यूबीटी) गठबंधन के सत्ता में वापसी की संभावनाओं पर विराम लगाते हुए सत्तारूढ़ महायुति ने प्रचंड जीत दर्ज की है।
राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े और अजीत पवार के नेतृत्व वाले राकांपा ने प्रतिद्वंदी धड़ों को पीछे छोड़ दिया है। महाराष्ट्र के चुनाव में मतदाताओं ने कांग्रेस पार्टी के जातीय गणना और संविधान के लिए खतरे के मुद्दे के बजाय महायुति के विकास के नारे और कल्याणकारी योजनाओं का समर्थन किया है।
भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) के सत्तारूढ़ गठबंधन इस साल लोक सभा चुनाव में महाराष्ट्र में मिले आघात से उबरते हुये, विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत की ओर बढ़ रहा है। राज्य की 288 सीटों वाली विधानसभा के चुनाव की शनिवार को चल रही मतगणना के रुझानों के अनुसार, भाजपा-शिवसेना-रांकापा के महायुति गठबंधन को 169 सीटों पर जीत मिली चुकी है और 66 सीटों पर उसके उम्मीदवार बढ़त बनाये हुये हैं।
राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के उम्मीदवार 37 सीटों पर विजयी हुये हैं और 13 सीटों आगे चल रहे हैं। भाजपा को 92 सीटों पर जीत हासिल हुयी है और 41 सीटों पर बढ़त बनाए हुये है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महायति में शिवसेना 43 पर जीत हासिल की है और 14 पर बढ़त बनाए हुये है, रांकापा को 34 पर जीत हासिल हुयी है और सात पर बढ़त बनाये हुये है जबकि महायुति में शामिल जन सुराज्य शक्ति (जेएसएस) दो सीटों पर विजयी हुयी है। गठबंधन के घटक राष्ट्रीय युवा स्वाभिमान पार्टी (आरवाईएसपी) एक सीट पर आगे है और राष्ट्रीय समाज राजर्षि शाहू विकास अघाडी ने एक सीट पर जीत हासिल की है।
विपक्षी गठबंधन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक कांग्रेस पार्टी को 10 सीटों पर जीत हासिल हुयी है और पांच पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे थे जबकि रांकपा (शरद पवार) को छह सीटों पर जीत मिली है और चार सीटों पर आगे चल रहे हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 17 सीटों पर विजय मिली है और तीन पर बढ़त बनाये हुये हैं। विपक्षी गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी को दो सीटें मिली हुयी हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया और राष्ट्रीय समाज पक्ष को एक-एक सीट मिली है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को एक सीट पर बढ़त थी जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को विजय मिली हुयी है और एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार आगे चल रहा था। शिवसेना के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महायुति की सफलता को प्रचंड जीत बताते हुये कहा कि यह सफलता ‘न भूतो, न भविष्यति’ है। उन्होंने इसके लिये ‘लाडली बहनों, लाडले किसानों’ और हर वर्ग के मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। श्री शिंदे ने इसे महायुति सरकार के ढाई साल के काम का सफल बताया।
शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के प्रवक्ता संजय राउत ने ‘चुनाव परिणाम में कुछ गडबड़ जरूर है।’ विधानसभा में स्पष्ट बहुमत के लिये 145 सीटों की जरूरत होगी। उपमुख्यमंत्री और भाजपा के नेता ने चुनाव में महायुति की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुये कहा, “हम महाराष्ट्र के हर नागरिक के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।” राकांपा नेता अजीत पवार ने कहा कि ‘लाडकी बहीण योजना’ ने बाजी पलट दी है। मैंने अपनी याद में ऐसी जीत नहीं देखी।
महाराष्ट्र में अक्टूबर 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और संयुक्त शिवसेना मिलकर चुनाव लड़े थे और उन्हें क्रमशः 105 और 56 सीटों पर जीत मिली थी जबकि रांकापा को 54 और कांग्रेस को 44 सीट प्राप्त हुयी थी, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस रांकापा का दामन पकड़ लिया था। इसी साल अप्रैल-मई में हुये चुनाव में महाराष्ट्र में 48 लोक सभा सीटों में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को 17 सीटों पर और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया समूह को 30 सीटों पर जीत हासिल हुयी थी। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी।
महाराष्ट्र में भाजपा को करीब 26.72 प्रतिशत, शिवसेना 12.38, कांग्रेस को 12.24 प्रतिशत, राकांपा (शरद पवार) को 11.30 प्रतिशत, राकांपा (अजीत पवार) को 9.08 प्रतिशत, शिवसेना (यूबीटी) 10.04 प्रतिशत मत मिले हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को 1.56 प्रतिशत मिला है।