विनायक चतुर्थी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन पूरी तरह से भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है और इस दिन भक्त अत्यंत भक्ति और समर्पण के साथ उनकी पूजा करते हैं और उनके लिए व्रत रखते हैं। विनायक चतुर्थी हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह 05 दिसंबर, 2024 दिन गुरुवार यानी आज मनाई जा रही है।
कहते हैं कि इस व्रत (Vinayak Chaturthi 2024 Date) का पालन करने से जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है, तो चलिए इस दिन से जुड़ी सभी मुख्य बातों को जानते हैं।
बप्पा के प्रिय भोग
मोदक, केला और लड्डू आदि।
विनायक चतुर्थी, 2024 पूजा विधि
सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। एक वेदी को साफ करें और उसपर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें।
सिंदूर का तिलक लगाएं। गुड़हल के फूलों की माला अर्पित करें। मोदक व घर पर बनी मिठाई का भोग लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं। बप्पा के वैदिक मंत्रों का जाप करें। फिर उनका ध्यान करें और विधि अनुसार पूजा करें। चतुर्थी व्रत कथा का पाठ समाप्त कर आरती करें। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें और उनकी पूजा करें।
भक्त भगवान को चढ़ाए गए भोग से अपना व्रत खोलें। यह व्रत हिंदू परंपराओं में बप्पा के आशीर्वाद के महत्व के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ध्यान रहे गणेश जी की पूजा में तुलसी पत्र का उपयोग गलती से भी नहीं करना चाहिए।
भगवान गणेश के मंत्र
ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्
त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येषु सर्वदा
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज यानी चतुर्थी तिथि के मौके पर वृद्धि और ध्रुव योग का शुभ संयोग बन रहा है। साथ ही वृद्धि योग दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। फिर गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
इसके बाद निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप गणेश भगवान की आराधना कर सकते हैं।