रायपुर 16 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि एक आक्रामक नेता की है। 15 वर्षों बाद राज्य में कांग्रेस को सत्ता में दो तिहाई से अधिक बहुमत के साथ वापस लाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पिछड़े वर्ग से आने वाले श्री बघेल किसान परिवार से है।
श्री बघेल 1993 में पहली बार दुर्ग जिले की पाटन सीट से अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए श्री बघेल लगातार दूसरी बार 1998 में फिर चुने गए।वह मध्यप्रदेश में दिग्विजय सरकार में मंत्री रहे।छत्तीसगढ़ गठन के बाद अजीत जोगी मंत्रिमंडल में रहते हुए वह कैबिनेट मंत्री बने।श्री बघेल 2003 में तीसरी बार विधायक चुने जाने के बाद कांग्रेस विधायक दल के उप नेता बने।वह 2008 में विधानसभा चुनाव हार गए,लेकिन पार्टी संगठन में लगातार सक्रिय रहे।
श्री बघेल 2013 में वह फिर विधायक चुने गए।झीरम नक्सली हमले में पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं के मारे जाने एवं विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के मुश्किल दौर में उन्हे अचानक प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी गई।और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और पार्टी की 15 वर्ष बाद सत्ता में वापसी करवाने में वह कामयाब रहे।
श्री भूपेश की पहचान एक आक्रामक नेता एवं तथा कड़े प्रशासक के रूप में रही है।माना जा रहा है कि वह राज्य की भाजपा के 15 वर्षों के लगातार शासनकाल में बेलगाम हो चुकी नौकरशाही को नियंत्रण में लाने में कामयाब होंगे।उनके सामने अगले तीन चार महीने में होने वाले लोकसभा चुनावों में पार्टी को जीत दिलवाने,शपथ लेने के 10 दिनों के भीतर किसानों के कर्ज माफ करने समेत तमाम अहम चुनावी वादों को पूरा करने की अहम चुनौती होगी।