नई दिल्ली 20 दिसम्बर।केन्द्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष के अगले कुछ महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 83 हजार करोड रूपये पूंजी डालेगी।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इससे इन बैंकों की ऋण क्षमता बढ़ेगी और उन्हें रिजर्व बैंक की पाबंदी के दायरे से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में डूबे कर्जों के मामलों का जायजा लेने का काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कमी आ रही है।
उन्होने कहा कि डूबे हुए कर्जों की पहचान का काम 2015 में शुरू हुआ था और ये प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। मार्च 2015 में जब ये सबसे अधिक था, तब सात प्रतिशत फंसे कर्जों की पहचान नहीं हुई थी। अब ये लगभग शून्य दशमलव पांच नौ प्रतिशत है। बैंकों ने उचित प्रावधान किये है।नतीजे के तौर पर अब डूबे हुए कर्ज की संख्या में कमी आ रही है। इस पूरी प्रक्रिया से बैंकों की ऋण देने की क्षमता बढ़ेगी।
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