
दंतेवाड़ा 03 अप्रैल।बस्तर की समृद्ध जनजातीय कला एवं संस्कृति के धरोहर को पुनर्जीवित कर इसे देश और वैश्विक पटल पर रखने सहित स्थानीय जनजातीय समुदाय के लोगों को अमिट पहचान और समुचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य से बस्तर पंडुम (बस्तर का उत्सव) का भव्य संभागीय स्तरीय कार्यक्रम आयोजन शुरू हो गया है।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वनमंत्री केदार कश्यप ने बस्तर पंडुम के संभागीय स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने इस मौके पर कहा कि नवरात्रि के अवसर पर बस्तर की वैभव-गौरवशाली संस्कृति को सहेजने और संवारने सहित वैश्विक पटल पर पहुंचाने के लिए सरकार ने बस्तर पंडुम कार्यक्रम का आयोजन किया है। जिससे बस्तर की संस्कृति, परंपरा को दुनिया के लोगों को जानने-समझने का अवसर मिलेगा। बस्तर अद्भुत सांस्कृतिक परम्परा, रीति रिवाज और जनजातीय व्यंजन से समृद्ध है, इस पावन धरा में जन्म लेना सौभाग्य की बात है।
वनमंत्री श्री कश्यप ने कहा कि बस्तर पंडुम की चर्चा देश-विदेश में हो रही है लोग बस्तर की संस्कृति को समझने के लिए लालायित हो रहे हैं। इसके साथ ही बस्तर क्षेत्र के स्थानीय व्यंजन, वेशभूषा- आभूषण जो विलुप्तप्राय हैं ऐसी समृद्ध संस्कृति को बचाने की पहल बस्तर पंडुम के माध्यम से की जा रही है। इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बस्तर पंडुम का भव्य आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि बस्तर पंडुम 2025 के अन्तर्गत सात विधाएं शामिल की गई है। जिसमें संभाग के सातों जिलों के विजेताओं के मध्य प्रतियोगिता आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में जनजातीय नृत्यों के तहत गेड़ी, गौर-माड़िया, ककसाड़, मांदरी, हुलकीपाटा, परब सहित लोक गीत श्रृंखला के तहत जनजातीय गीत-चौतपरब, लेजा, जगारगीत, धनकुल, हुलकी पाटा (रीति-रिवाज, तीज त्यौहार, विवाह पद्धति एवं नामकरण संस्कार आदि) जनजातीय नाट्य श्रेणी में भतरा नाट्य जिन्हें लय एवं ताल, संगीत कला, वाद्य यंत्र, वेशभूषा, मौलिकता, लोकधुन, वाद्ययंत्र, पारंपरिकता, अभिनय, विषय-वस्तु, पटकथा, संवाद, कथानक के मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India