कोरबा जिले में गुरुवार को मानसून की पहली बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी। वार्ड नंबर 12, चिमनीभट्ठा में हर साल की तरह इस बार भी भारी बारिश के कारण लोगों के घरों में नाले का गंदा पानी घुस गया। भरी हुई नालियों और सीवर की गंदगी ने स्थानीय निवासियों की मुश्किलें बढ़ा दीं। जलभराव के कारण लोगों को घरों में खड़े होकर रहना पड़ रहा है, और कई परिवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जलभराव से बिगड़े हालात, करंट का खतरा
लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं, जिसके कारण चिमनीभट्ठा में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। स्थानीय निवासी बृजेश तिवारी ने बताया कि हर साल बारिश में जलभराव की समस्या होती है, लेकिन नगर निगम और प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता। जल निकासी की व्यवस्था नाकाफी होने के कारण पानी घरों में जमा हो जाता है। प्रिया गोस्वामी ने बताया कि देर रात से उनके घर में नाले का पानी घुस गया है, जिससे परिवार को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, और पीने के पानी व खाने-नाश्ते की भी किल्लत हो रही है।
करंट से जान जोखिम में
इतवारी भाई ने बताया कि उनके घर के बाहर जलभराव के कारण बिजली के खंभे में करंट उतर रहा है, जिससे वे बाल-बाल बचे। इस स्थिति ने लोगों में भय और आक्रोश पैदा कर दिया है। गुड्डू जायसवाल ने कहा कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि और अधिकारी बस्ती में आते हैं, समस्याएं सुनते हैं, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं होता। लगभग 25-30 घर हर बारिश में जलभराव से प्रभावित होते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नाले के किनारे अवैध कब्जे और मकान निर्माण के कारण भी जल निकासी बाधित हो रही है।
लोगों में आक्रोश, प्रशासन से मांग
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन और नगर निगम से जल निकासी की समुचित व्यवस्था करने और अवैध कब्जों पर कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
सर्वमंगला नगर में करंट लगने से बालिका की मौत
शहर के सर्वमंगला नगर, बरेठ मोहल्ला में गुरुवार सुबह 12 वर्षीय छात्रा की करंट लगने से मौत हो गई। घटना सुबह करीब 7:30 बजे हुई। मृतका के पिता गोपाल निषाद ने बताया कि उनकी बेटी भूमि, दुरपा के कर्म भारती स्कूल में कक्षा छठी की छात्रा थी। वह रोज की तरह सुबह स्कूल जाने की तैयारी कर रही थी। बिस्तर साफ करने के बाद जब उसने कमरे की लाइट बंद की, तभी वह करंट की चपेट में आ गई। गोपाल ने बताया कि वह चिल्लाने की आवाज सुनकर दौड़े और किसी तरह उसे स्विच से अलग किया, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसकी मृत्यु की पुष्टि कर दी।
बारिश ने बढ़ाई मुसीबत, बोर्ड में आ रहा था करंट
गोपाल ने बताया कि लगातार बारिश के कारण घर के बिजली बोर्ड में करंट प्रवाहित हो रहा था, जिसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। हादसे के बाद बिजली लाइन को बंद किया गया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी पढ़ाई में बहुत होशियार थी और उसे स्कूल जाने का बहुत शौक था। वह निजी स्कूल में पढ़ती थी, जिसके लिए गोपाल मजदूरी करके खर्च जुटाते थे।
परिवार का सहारा थी भूमि
गोपाल ने बताया कि भूमि न केवल पढ़ाई में अव्वल थी, बल्कि घर के कामों में मां का हाथ बटाती थी और अपने छोटे भाई से बहुत प्यार करती थी। उसे रील बनाने का भी शौक था और कुछ दिन पहले ही उसने एक रील बनाया था। इस हादसे ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।पुलिस जांच शुरू, लोगों में शोक
जिला अस्पताल चौकी पुलिस ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से प्राप्त मेमो के आधार पर परिजनों के बयान दर्ज किए गए हैं और आगे की जांच की जा रही है। इस घटना से परिवार और आसपास के लोगों में शोक की लहर है।
बिजली सुरक्षा पर ध्यान जरूरी
इस हादसे ने बिजली सुरक्षा के प्रति लापरवाही को उजागर किया है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि नियमित रूप से बिजली की तारों और उपकरणों की जांच करवानी चाहिए। बिजली उपकरणों का उपयोग करते समय सुरक्षा उपायों का पालन करें और बारिश के मौसम में विशेष सावधानी बरतें। लोगों को बिजली सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की जरूरत है ताकि ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।
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