बिलासपुर 03मार्च।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों को ऐसी तालीम मिले कि वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बनें।इससे वे स्वयं और माता-पिता के पालन पोषण के साथ-साथ अन्य जरूरतमंद लोगों को भी रोजगार दे सकते हैं।
श्री पटेल ने आज पंडित सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त)विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में उक्त बातें करते हुए कहा कि आज लाखों विद्यार्थी विभिन्न व्यवसायों का शिक्षा ले रहे हैं।वे विभिन्न बैंकों से मुद्रा लोन लेकर व्यवसाय प्रारंभ कर आगे बढ़ रहे हैं।विश्वविद्यालय एवं शासन ऐसे विद्यार्थियों का ध्यान रखें, ताकि वे भविष्य में मेहनतकश बने रहें। शासन के योजनाओं का लाभ उठाकर परिश्रम करते रहे, ताकि उन्हें किसी के समक्ष हाथ न फैलाना न पड़े।
राज्यपाल ने प्रयागराज कुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि करोड़ों लोग गंगा दर्शन के लिये आए। वहां बेहतर बुनियादी सुविधाओं के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। वहां किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई। रक्तदान शिविर जैसे कार्यक्रम के साथ विभिन्न सामाजिक कार्यक्रम हुए। स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा गया। वहां के प्रबंधन में किस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया। यह सीखने का विषय है। ऐसे पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय में शामिल किया जाना चाहिए। यदि विद्यार्थी ऐसे गुर अपने पढ़ाई के दौरान सीख लेते हैं तो उन्हें इस प्रकार के प्रबंध करने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। कम पानी में बेहतर उत्पादन करने एवं गरीब बच्चों को शिक्षा मिले यह सालों से चल रहा है। ऐसे कार्यक्रमों से उनके जीवन में क्या बदलाव आया। विश्वविद्यालय को अध्ययन कर इनकी उपयोगिता पर रिपोर्ट तैयार करना चाहिए। ऐसे अध्ययन विश्वविद्यालय नहीं करती जबकि उन्हें करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह का स्वरूप में बदलाव करने की आवश्यकता है। साल भर विश्वविद्यालय में कई तरह के कार्यक्रम करते रहते हैं। साल भर के कार्यों की पूरी प्रदर्शनी दीक्षांत समारोह के दौरान लगाई जानी चाहिये ताकि विश्वविद्यालय में आने वाले नये विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक प्रदर्शनी का अवलोकन कर सकें।उन्होंने स्वर्णपदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं से कहा कि वे विश्वविद्यालय में अपनी यादें छोड़कर जाय। प्रत्येक विद्यार्थी विश्वविद्यालय परिसर में पेड़ अधिक से अधिक लगाएं। प्रयास करें कि 24 घंटे ऑक्सीजन देने वाले बरगद-पीपल जैसे पेड़ अधिक लगाएं।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India