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सकारात्मक समाचारों से लोगों को मिलती है प्रेरणा- राज्यपाल

रायपुर 04 मार्च।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि सकारात्मक कार्यो और उसके समाचारों के प्रकाशन व प्रसारण से अन्य लोगों को सामाजिक सरोकार की प्रेरणा मिलती है।

राज्यपाल ने यह विचार आज यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि प्रिंट मिडिया और इलेक्ट्रानिक मिडिया को बेहतर कन्टेन्ट के साथ सामाजिक सरोकार की खबरों पर भी मजबूत पकड़ बनाएं रखने की जरूरत है।

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि सभी को सरकारी नौकरी नही मिल सकती है। इसलिए राज्य एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर सकारात्मक सोच के साथ अपनी रूचि का स्वरोजगार स्थापित करें।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पत्रकारिता की संस्कार भूमि है। यहां से सन 1900 में पेंड्रारोड से पं. माधवराव सप्रे ने मासिक पत्रिका छत्तीसगढ़ मित्र को प्रारंभ करके पत्रकारिता का बीजारोपण किया।

उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ में श्री चन्दूलाल चन्द्राकर, श्री मायाराम सुरजन, श्री स्वराज प्रसाद त्रिवेदी, श्री बब्बन मिश्रा, श्री गोविंद लाल वोरा, केयूर भूषण जैसे कई मूर्धन्य पत्रकार हुए, जिनके कारण पत्रकारिता के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की पहचान बनी। उन्होंने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों से कहा कि मुझे विश्वास है कि आप छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता की परम्परा को अक्षुण्ण बनाए रखते हुए इसे और आगे ले जाएंगे।

राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता के पहले पत्रकारिता एक मिशन थी। स्वतंत्रता के पश्चात् मीडिया के स्वरूप में परिवर्तन आया समाचारों का विषय भी बदला, पर उनके समक्ष चुनौतियां आती रही। पर उसके बावजूद भारतीय मीडिया मजबूत होकर उभरी। वर्तमान समय में भी नई चुनौतियों का मीडिया जगत को सामना करना पड़ रहा है। नई तकनीकें सामने आ रही है।पत्रकारों सहित संस्थानों को भी इन तकनीकों से अपडेट होना पड़ रहा है। प्रिन्ट और इलेक्ट्रानिक मीडिया आज परम्परागत मीडिया हो गया है।

उन्होने कहा कि सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप आदि से संवाद आसानी से होने लगे है। कई बार कुछ विषय गलत ढंग या भ्रामक तरीके से प्रस्तुत होने के कारण समाज में अशांति एवं तनाव का वातावरण भी निर्मित हो जाती है। हमें इनसे बचना चाहिए और प्रयास करना चाहिए कि सबसे पहले की दौड़ से बचते हुए हमें प्रतिपरीक्षण कर सहीं और विश्वसनीय खबरें ही जनता के समक्ष ले जाएं।