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बस्तर के हित को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी नई औद्योगिक नीति- लखमा

जगदलपुर 06 मार्च।छत्तीसगढ़ के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि बस्तर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कृषि और वनोपजों के प्रसंस्करण और मूल्य संवर्द्धन के लिए यहां अधिक से अधिक लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना पर जोर दिया जाएगा।

श्री लखमा आज यहां वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा बस्तर चेम्बर ऑफ कामर्स के सहयोग से आयोजित ‘’बस्तर संभाग स्तरीय औद्योगिक विकास संगोष्ठी‘’ को संबोधित करते हुए  कहा कि वर्तमान में 2014 की औद्योगिक नीति चल रही है। इस वर्ष के अंत तक नई औद्योगिक नीति लाई जाएगी।

उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गठित छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार ने नई औद्योगिक नीति लाने के पूर्व उद्यमियों से चर्चा करने और उनकी सहूलियत के अनुसार औद्योगिक नीति बनाने का निर्णय लिया है।उन्होंने कहा कि बस्तर में उपलब्ध कृषि और वनोपज आधारित संसाधनों के प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर सरकार जोर दे रही है, जिससे यहां के अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त हो सके।

श्री लखमा ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के निर्माण के लिए उद्यमियों से सुझाव के लिए उद्योग विभाग की वेबसाईट में भी लिंक उपलब्ध है, जिसमें सुझाव दिए जा सकते हैं।उन्होने कहा कि धुरागांव और सुकमा में खाद्य प्रसंस्करण केन्द्रों की स्थापना का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही कोंडागांव में भी लगभग 105 करोड़ रुपए की लागत से मक्का प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना की जा रही है और इसका कार्य बहुत ही तेजी से चल रहा है।

उन्होंने कहा कि बस्तर अंचल में उपलब्ध कृषि और वनोपज आधारित संसाधनों को देखते हुए यहां अनेक स्थानों पर लघु एवं कुटीर उद्योगों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध करने के लिए सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। मंत्री ने उद्योग स्थापना में रुचि रखने वाले युवाओं के प्रशिक्षण के लिए जगदलपुर और दुर्ग में पूर्व प्रधानमंत्री स्वं राजीव गांधी की स्मृति में आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र के स्थापना की घोषणा की और कहा कि इन केन्द्रों में प्रशिक्षण का सम्पूर्ण व्यय शासन द्वारा वहन किया जाएगा।उन्होंने सुकमा कृषि महाविद्यालय का शिलान्यास भी इस कार्यक्रम में किया।