
रायपुर, 21 अगस्त।छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनिज राजस्व के रूप में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की रिकॉर्ड आय अर्जित की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 34 प्रतिशत की वृद्धि है।
यह जानकारी आज यहां न्यू सर्किट हाउस, सिविल लाइंस में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल की 25वीं बैठक में दी गई। यह बैठक रजत जयंती समारोह के रूप में मनाई गई और इसकी अध्यक्षता राज्य शासन के खनिज साधन विभाग के सचिव एवं मंडल के अध्यक्ष पी. दयानंद ने की। इस अवसर पर संचालक भौमिकी एवं खनिकर्म रजत बंसल, भारत सरकार एवं राज्य शासन के विभिन्न विभागों, उपक्रमों और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
2024-25 की उपलब्धियों की समीक्षा
बैठक में वर्ष 2024-25 में खनन एवं अन्वेषण कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। इस दौरान यह बताया गया कि प्रदेश में भूवैज्ञानिक गतिविधियों के तहत 2500 मिलियन टन चूनापत्थर और लगभग 93 मिलियन टन लौह अयस्क का भंडारण आंकलित किया गया।
श्री बंसल ने जानकारी दी कि वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित अन्वेषण परियोजनाओं में रणनीतिक और महत्वपूर्ण खनिजों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। यह परियोजनाएं “आत्मनिर्भर भारत” मिशन को सशक्त करने की दिशा में निर्णायक कदम मानी जा रही हैं।
खनिज – विकास की रीढ़
मुख्यमंत्री के सचिव और खनिज सचिव पी. दयानंद ने कहा कि खनिज किसी भी राज्य और देश के सर्वांगीण विकास की रीढ़ होते हैं। छत्तीसगढ़ में स्ट्रेटजिक और क्रिटिकल मिनरल्स की खोज, राज्य के विकास के एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। उन्होंने कहा कि राज्य में खनिज आधारित नए उद्योगों की स्थापना के लिए खनिजों का सुनियोजित और वैज्ञानिक अन्वेषण आवश्यक है।
श्री दयानंद ने प्रदेश में कार्यरत सभी अन्वेषण एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर आंकड़ों का आपसी साझा करने की सलाह दी और प्रदेश के समग्र विकास के लिए नवीनतम तकनीकों के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया।
राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास (NMET) की स्वीकृतियां
भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए छत्तीसगढ़ में चूनापत्थर और बॉक्साइट के लिए दो परियोजनाएं एनएमइटी (NMET) के अंतर्गत स्वीकृत की गई हैं। इसके अतिरिक्त निजी अन्वेषण संस्थानों को भी लिथियम, नियोबियम, टैंटलम, टाइटेनियम, दुर्लभ मृदा धातुएं और लौह अयस्क के दो प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं। यह कदम निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए खनिज संसाधनों के गहन अन्वेषण एवं परिष्करण को बढ़ावा देगा।
2025-26 की प्रस्तावित परियोजनाएं
वर्ष 2025-26 के लिए संचालनालय भौमिकी एवं खनिकर्म द्वारा कुल 11 अन्वेषण परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें निम्नलिखित खनिज शामिल हैं:
- स्ट्रेटजिक और क्रिटिकल मिनरल्स: 02 परियोजनाएं
- ग्लूकोनाइट: 02 परियोजनाएं
- लेपिडोलाइट: 01 परियोजना
- चूनापत्थर: 02 परियोजनाएं
- लौह अयस्क: 02 परियोजनाएं
- बॉक्साइट: 02 परियोजनाएं
राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय संस्थानों की सहभागिता
बैठक में भारत सरकार के भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (GSI) के उप महानिदेशक डॉ. अमित धारवाड़कर ने वर्ष 2025-26 की 29 परियोजनाओं की जानकारी दी, जिनमें बाक्साइट, सोना, ग्लूकोनाइट, लिथियम, टाइटेनियम, फास्फोराइट, फ्लोराइट, लेड और जिंक जैसे खनिजों के सर्वेक्षण शामिल हैं।
इस अवसर पर इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स (आईबीएम) रायपुर के रीजनल कंट्रोलर श्री प्रेम प्रकाश, रीजनल माइनिंग जियोलॉजिस्ट श्री डी. दास, एएमडी के क्षेत्रीय निदेशक श्री एस.आर. मंथनवार, जीएसआई रायपुर के डिप्टी डायरेक्टर जनरल श्री अमित ए. धारवाड़कर, एनएमडीसी, सीआईएल, वेदांता, अल्ट्राटेक, डेक्कन गोल्ड तथा अन्य प्रमुख कंपनियों और विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।