अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से अफगानिस्तान के बगराम सैन्य अड्डे को वापस लेने का प्रयास शुरू किया है तब से इस क्षेत्र के चार देशों में खलबली मची हुई है। अफगानिस्तान के पड़ोसी या करीबी चीन रूस ईरान और पाकिस्तान ने अपने आस-पास किसी भी तरह के सैन्य अड्डे का विरोध तेज कर दिया है।उन्होंने इसे काबुल की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए भी खतरा माना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से अफगानिस्तान के बगराम सैन्य अड्डे को वापस लेने का प्रयास शुरू किया है, तब से इस क्षेत्र के चार देशों में खलबली मची हुई है। अफगानिस्तान के पड़ोसी या करीबी चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान ने अपने आस-पास किसी भी तरह के सैन्य अड्डे का विरोध तेज कर दिया है।
उन्होंने इसे काबुल की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए भी खतरा माना है। संयुक्त राष्ट्र आम सभा के 80वें सत्र के इतर चीन, ईरान, पाकिस्तान और रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने साझा बयान जारी किया।
बयान में कहा गया कि चारों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। साथ ही कहा गया कि अफगानिस्तान या आसपास किसी तरह के सैन्य अड्डे से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
बयान में ये भी कहा गया कि नाटो देशों को अफगानिस्तान की बदहाली की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और उसे आर्थिक बेहतरी और भविष्य के विकास और खुशहाली के लिए अवसर प्रदान करना चाहिए।
इन देशों ने अफगानिस्तान में आइएसआइएल, अल कायदा, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, मजीद ब्रिगेड और अन्य आतंकी समूहों की बढ़ती गतिविधि को भी क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा बताया है।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India