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बस्तर में पुनर्वास की रोशनी से मिट रहा भय का अंधकार : मुख्यमंत्री साय

रायपुर, 29 अक्टूबर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर अंचल में अब भय और हिंसा का अंधकार खत्म हो रहा है।सरकार की ‘आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ और ‘नियद नेल्ला नार योजना’ ने बस्तर में शांति और विश्वास की एक नई सुबह लाई है।

    मुख्यमंत्री साय ने सोशल साइट एक्स पर किए ट्वीट में बताया कि बीजापुर जिले में “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्ज़ीवन” अभियान के तहत सुरक्षा बलों के निरंतर प्रयासों से ₹66 लाख के इनामी 51 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लिया है।

 मुख्यमंत्री ने कहा, “यह आत्मसमर्पण इस बात का प्रमाण है कि बस्तर अब भय और हिंसा से मुक्त होकर शांति, विश्वास और प्रगति के नए युग में प्रवेश कर रहा है। शासन की संवेदनशील नीतियाँ और मानवीय दृष्टिकोण इस परिवर्तन की सबसे बड़ी शक्ति हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार का विश्वास है कि संवाद ही इस समस्या का स्थायी समाधान है।श्री साय ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में देश नक्सल मुक्त भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता से काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस परिवर्तन की यात्रा में सहभागी बनें, ताकि छत्तीसगढ़ का हर गाँव शांति, प्रगति और समरसता का प्रतीक बन सके।