
अमरावती/रायपुर 18 नवम्बर।आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिला के मरेडुमिल्ली मंडल के घने जंगलों में मंगलवार सुबह सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें देश के सबसे खतरनाक और वांछित नक्सली कमांडरों में शामिल मदवी हिडमा मारा गया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मुठभेड़ मंगलवार 18 नवंबर की सुबह लगभग 6 से 7 बजे के बीच हुई।ऑपरेशन में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के संयुक्त सुरक्षा बल शामिल थे।खुफिया सूचना थी कि हिडमा अपने साथियों समेत मरेडुमिल्ली के जंगलों में मौजूद है।घेराबंदी के दौरान दोनों ओर से भारी फायरिंग हुई, जिसमें हिडमा मारा गया।
इस एनकाउंटर में हिडमा की पत्नी और चार बॉडीगार्ड भी ढेर हो गए।कुल मिलाकर छह माओवादी मारे जाने की पुष्टि हुई है।
हिडमा का बैकग्राउंड
- हिडमा PLGA-1 बटालियन का प्रमुख था और देश का सबसे घातक नक्सली माना जाता था।
- उस पर 1 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम घोषित था।
- वह कई बड़े हमलों—CRPF जवानों की हत्या, नेताओं पर हमले और घात लगाकर किए गए अनेक नरसंहार—का मास्टरमाइंड रहा।
क्यों था हिडमा इतना महत्वपूर्ण
- माओवादी संगठन की सैन्य और जंगल युद्धक रणनीतियों का मुख्य जिम्मेदार वही था।
- उसे संगठन के शीर्ष नेतृत्व तक सीधी पहुँच प्राप्त थी।
- सुरक्षा एजेंसियों के लिए वह करीब डेढ़ दशक से सबसे बड़ा सिरदर्द रहा।
सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता
- गृह मंत्रालय ने 30 नवंबर तक हिडमा को निष्क्रिय करने का लक्ष्य तय किया था, जो इस ऑपरेशन में 12 दिन पहले ही पूरा हो गया।
- उसकी मौत को माओवादी आंदोलन के लिए सबसे बड़ा झटका बताया जा रहा है।
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