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आठ साल बाद पकड़े हत्यारे: नाबालिग की गला दबाकर की थी हत्या

कबीरधाम पुलिस ने आखिरकार साबित कर दिया कि अपराधी कहीं भी छिपा हो, पुलिस उसे एक दिन पकड़ ही लेती है। 2017 में नाबालिग की हत्या करने वाले दो हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

कबीरधाम पुलिस ने मंगलवार को आठ साल पुराने अंधे कत्ल का खुलासा किया है। इस मामले में दो आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह कुकदूर थाना क्षेत्र का मामला है। एएसपी पुष्पेन्द्र कुमार बघेल ने बताया कि 17 मई 2017 को थाना कुकदूर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अमनिया की 14 वर्षीय बालिका राजबाई गोड का शव कोलिहामाड़ा नाला के पास भेलवा पेड़ में उसकी चुनरी से फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला था।

पीएम रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मृत्यु का कारण गला दबाने से दम घुटना बताया गया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि मामला आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या का है। इसके आधार पर 27 मई 2017 को अज्ञात आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 दर्ज कर जांच में लिया गया।

वर्ष 2025 में कबीरधाम पुलिस द्वारा पुराने अनसुलझे मामलों की पुनः समीक्षा के दौरान इस प्रकरण को प्राथमिकता पर लेते हुए पुनर्जीवित किया गया। विवेचना के दौरान प्रकरण से जुड़े संदेहियों की पहचान कर उन पर लगातार निगरानी रखी गई। इसी दौरान साक्षी लक्ष्मण टेकाम, निवासी ग्राम नेउर, द्वारा घटना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई, जिसे वह भयवश पूर्व में प्रकट नहीं कर सका था।

साक्षी का कथन कोर्ट में धारा 164 दंड प्रक्रिया संहिता अंतर्गत दर्ज कराया गया, जिससे विवेचना को निर्णायक दिशा प्राप्त हुई। साक्ष्यों के आधार पर आरोपी रमला उर्फ राम धुर्वे से पूछताछ कर मेमोरेंडम कथन लिया गया। जिसमें उसके द्वारा यह बताया गया कि दयाल उर्फ दयालाल बैगा द्वारा मृतिका का गला दबाकर हत्या की गई। दोनों द्वारा मिलकर हत्या को आत्महत्या का रूप देने के उद्देश्य से शव को उसकी चुनरी से पेड़ पर लटकाया गया। इसके बाद आरोपी दयाल उर्फ दयालाल बैगा पिता शोभन सिंह बैगा उम्र 27 वर्ष निवासी ग्राम घोघरा, वर्तमान निवासी ग्राम हाथीबुड़ान थाना कुकदूर से कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपना अपराध स्वीकार किया।

कुल 14 मामलों में मिली सफलता
गौरतलब है कि कबीरधाम पुलिस द्वारा विगत एक वर्ष के भीतर जिले के पुराने ब्लाइंड मर्डर के कुल 14 मामलों में सफलता अर्जित की गई है, जिनमें आरोपियों की गिरफ्तारी कर प्रकरणों का विधिवत खुलासा किया गया है। इन मामलों में थाना कवर्धा क्षेत्र का चर्चित डॉक्टर दंपति डबल मर्डर हत्याकांड, थाना तरेगांव व थाना पिपरिया के अंधे कत्ल प्रकरण प्रमुख रूप से शामिल हैं।

पुलिस द्वारा वर्षों से लंबित व जटिल अंधे कत्ल प्रकरणों को प्राथमिकता पर लेते हुए एक के बाद एक सफलता प्राप्त की जा रही है, जिससे आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। पुलिस यह स्पष्ट संदेश देती है कि गंभीर अपराध चाहे कितने भी पुराने क्यों न हों, अपराधी कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते। जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने व नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने अनसुलझे मामलों पर कठोर और प्रभावी कार्रवाई जारी रहेगी।