नई दिल्ली/काठमांडू 10 सितम्बर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल के विकास में भारत के पूरे समर्थन की प्रतिबद्धता दोहराते हुए आज कहा कि पड़ोसी देश की प्राथमिकताओं के अनुसार भारत उसे सहायता देगा।
श्री मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के साथ भारत और नेपाल के बीच पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति के लिए मोतीहारी-अमलेखगंज पाइपलाइन का उद्घाटन करते हुए आशा व्यक्त की कि दोनों देश अपनी भागीदारी को और व्यापक बनाएंगे तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और गहरा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि..यह बहुत संतोष का विषय है कि दक्षिण एशिया की यह पहली क्रास बार्डर पेट्रालियम पाइप लाइन रिकार्ड समय में पूरी हुई है। जितनी अपेक्षा थी उससे एक प्रकार से आधे समय में यह बनकर तैयार हुई इसका श्रेय आपके नेतृत्व को, नेपाल सरकार के सहयोग को और हमारे संयुक्त प्रयासों को। इस पाइप लाइन से हर साल दो मिलियन मैट्रिक टन तक के क्लीन पेट्रोलियम प्रोडक्टस एफोर्डेबल रेटस पर नेपाल के सामान्य लोगों को प्राप्त होंगे..।
श्री मोदी कहा कि दोनों देशों ने अनेक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय परियोजनाओं को पूरा किया है और पिछले पांच वर्षो में पशुपतिनाथ धर्मशाला तथा आई०सी०पी० बीरगंज सहित अनेक परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है।श्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और नेपाल सर्वोच्च राजनीतिक स्तर पर अभूतपूर्व रूप से नजदीक आए हैं और उनके बीच निरन्तर सम्पर्क बना हुआ है।
उन्होने कहा कि..भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराने पारिवारिक और सांस्कृतिक रिश्ते हैं ये पीपुल टू पीपुल संबंध हमारे बायलिटेरल रिलेशंस का आधार है। पिछले कुछ वर्षों में हमारे बीच हायेस्ट पॉलिटिकल लेवल पर अभूतपूर्व नजदीकी आई है और नियमित संपर्क रहा है। विकास के लिए हमारी साझेदारी को और सक्रिय बनाने और नए-नए क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने के लिए हमने नए अवसरों का लाभ भी उठाया है..।
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।उन्होने कहा कि इस महत्वपूर्ण परियोजना में सहयोग व समर्थन के लिए मैं भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं। भारत और नेपाल के संबंध कुछ परियोजनाओं तक सीमित नहीं है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय परियोजनाओं में भी सहयोग शामिल है।
मोतीहारी-अमलेखगंज पेट्रोलियम पाइपलाइन 60 किलोमीटर से अधिक लंबी है। फिलहाल भारत से टैंकरों के माध्यम से पेट्रोलियम पदार्थ नेपाल ले जाये जाते हैं। ये व्यवस्था 1973 से बनी हुई है।