भिलाई 19 सितम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा सबसे अहम है, इसलिए स्कूलों में नींव प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है।
श्री बघेल आज यहां वैशाली नगर उच्चतर माध्यमिक शाला में आयोजित नींव और भाषा पिटारा कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि जब बच्चे स्कूल आते हैं तो वे अपनी मातृभाषा भी लेकर आते हैं। एकदम से दूसरी भाषा में सिखाई गई बातें उन्हें समझने में दिक्कत होती है। बच्चे इस प्रक्रिया से सहज हो सकें। इसके लिए नींव प्रोजेक्ट आरंभ किया गया है।इसमें न केवल बच्चों को मातृभाषा के माध्यम से सिखाया जा रहा है अपितु पढ़ने के साथ में उनके भीतर सोच-विचार की प्रक्रिया को भी जगह दी जा रही है ताकि बच्चे की कल्पनाशीलता बढ़े, वो चीजों को बेहतर तरीके से समझ सके, बेहतर तरीके से अभिव्यक्त कर सके और पूरे आत्मविश्वास से अपनी अभिव्यक्ति कर सके।
श्री बघेल ने मातृभाषा में शिक्षा की उपयोगिता का सुंदर उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि थोड़ी देर पहले मैं बच्चों को भौंरे की एक कहानी बता रहा था। मैंने एक बच्चे से पूछा कि यह क्या है। उसने बताया कि यह लट्टू है। मैंने कहा कि यह भौंरा है तो उसने स्पष्टता से कहा कि यह लट्टू है। उसने अपनी मातृभाषा में इसे लट्टू के रूप में सीखा है। अपनी मातृभाषा ने ही उसे यह आत्मविश्वास दिया है कि वो पूरी प्रखरता से अपनी बात रख रहा है। गांधी जी भी मातृभाषा में शिक्षा को महत्व देते थे। हमने इसे अपनाया है। नींव प्रोजेक्ट इसी दिशा में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आरंभ किया गया है। बच्चों की समझ और भाषा ज्ञान का विकास इससे तेजी से होगा।