रायपुर 04 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि खेल युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना पैदा करता है।खेल जीवन में असफलता के समय हौसला भी प्रदान करता है।
सुश्री उइके ने आज यहां राज्य स्तरीय एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन समारोह में कहा कि वे स्वयं इस प्रकार के तमाम खेलों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती थी और इसी खेल भावनाओं ने मुझे प्रेरणा दी और विभिन्न दायित्व निभाते हुए आज छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद तक पहुंच पाई हूं।उन्होंने कहा कि मैं स्वयं आदिवासी समाज से हूं और वहां से निकलकर चुनौतियों का सामना करते हुए यहां तक पहुंची हूं।
राज्यपाल ने कहा कि जिस तरह अच्छी शिक्षा और संस्कार जीवन के लिए जरूरी है, उसी तरह स्वस्थ जीवन के लिए खेल भी उतना ही महत्वपूर्ण है।हमारा देश खेलों के विकास के एक नये युग की ओर बढ़ चुका है।खेलों के प्रति लोगों की सोच में भी परिवर्तन आया है। अब खेल को एक कैरियर के रूप में लिया जाता है।उन्होंने पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने और उन्हें संरक्षित करने का आग्रह किया।
राज्यपाल ने कहा कि पारंपरिक खेल हमारी पहचान होती है और संस्कृति का हिस्सा भी होती है।हो सके तो इसमें नई तकनीक का इस्तेमाल करें।ऐसे पारंपरिक खेलों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए।