कानपुर 14 दिसम्बर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक की अध्यक्षता की और गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए चलाई जा रही नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा की।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी, केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जल-शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, श्री आर. के. सिंह, श्री प्रह्लाद पटेल, श्री मनसुख मंडाविया तथा श्री हरदीप सिंह पुरी के अलावा केन्द्र और राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया।
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि प्रधानमंत्री ने गंगा की सफाई के लिए नए सुझाव भी दिए हैं।उन्होने बताया कि..जहां 14 करोड़ लीटर रोज गंदगी नदी में आती थी वो कैसे बंद हुई है वो हमने देखा। तो प्रधानमंत्री ने उसका जायजा लिया आज कि बैठक में भी उन्होंने सारे मुद्दों को स्पर्श किया। नई नई कल्पनाएं भी बताई तो ये एक जन-आंदोलन बन चुका है तो गंगा साफ होती रहेगी..।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में देश की सभी नदियों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा और इसमें जो समय लगेगा वह यूरोप में नदियों की सफाई में लगे वक्त से काफी कम होगा। गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए 28 हजार करोड़ रुपये की लागत के जल-मल शोधन संयंत्र नदी के किनारे लगाए जा रहे हैं।
बैठक के बाद राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंगा बैराज के पास नव-निर्मित अटल घाट पहुंचे और गंगा सफाई के लिए हाल के वर्षों में किए गए कार्यों का जायजा लिया प्रधानमंत्री ने शीश मऊ नाले का भी निरीक्षण किया जो गंगा में गिरने वाला सबसे बड़ा और सबसे पुराना नाला था जिसे हाल ही में बंद कर दिया गया है। गो-मुख से गंगासागर तक के पूरे सफर के दौरान गंगा में सबसे ज्यादा प्रदूषण कानपुर में ही प्रवाहित होता है।