रायपुर 25 अप्रैल।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज आंगनबाड़ी के बच्चों के समग्र विकास के लिए महिला बाल विकास विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से तैयार किए गए ‘चकमक अभियान‘ और ‘सजग कार्यक्रम‘ का शुभारंभ किया।
श्री बघेल ने इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया सहित विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों को ‘चकमक‘ और ‘सजग‘ कार्यक्रमों के शुभारंभ के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि लाकडाउन के दौरान अभिभावक और बच्चे घरों पर हैं। कोविड-19 से सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा उपाय घरों में ही रहना है। ऐसे समय में इन दोनों कार्यक्रमों से बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रखकर उन्हें परिस्थितियों में ढालने और संभालने में मदद मिलेगी और बच्चों के समय का सदुपयोग हो सकेगा और वे अच्छी बाते सीख सकेंगे।
उन्होने दंतेवाड़ा के बिंजाम गांव के दो बच्चों लिपिका और कविता अनुसुईया तथा उनके पालकों ललिता नेताम और राजो बाई नेताम से वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बात भी की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हल्बी एवं गोंडी बोली में दो पुस्तिका ’मोद्दोल डाका’ और ’पहिल डांहका’ और छत्तीसगढ़ की स्थानीय बोलियों के विकासखंडवार नक्शा का विमोचन भी किया। गोंडी बोली में मोद््दोल डाका एवं हल्बी बोली में पहिल डांहका का अर्थ ’पहला कदम’ होता है। इस अवसर पर यूनिसेफ की भारत की प्रमुख सुश्री यास्मिन अली हक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुई।