रायपुर 25 अगस्त।छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री स्व.अजीत जोगी के अलावा पूर्व मंत्रियों और भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में शहीद जवानों तथा नक्सल हिंसा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
मानसून सत्र के पहले दिन आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूर्व मुख्यमंत्री श्री जोगी सहित पूर्व मंत्री डेरहू प्रसाद धृतलहरे, अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री बलिहार सिंह, लोकसभा की पूर्व सांसद स्व.रजनीगंधा देवी के व्यक्तित्व, कृतित्व और उनके योगदान का उल्लेख किया। सदन में दिवंगतों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्व.जोगी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि श्री जोगी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे जीते जी किवदंती बन गए थे। मरवाही जैसे सुदूर अंचल से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होना उनकी जीजीविषा और सक्रियता का परिचायक है। वे चाहे सत्ता में या विपक्ष में रहे प्रदेश की राजनीति उनके इर्दगिर्द रही। श्री जोगी हमेशा कहते थे कि मैं सपनों का सौदागर हूं। उन्होंने विकसित और समृद्ध छत्तीसगढ़ का सपना देखा था। वे हमेशा सर्वहारा वर्ग के हितों के लिए संघर्ष करते रहे।
श्री बघेल ने कहा कि श्री जोगी की अंतिम इच्छा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को जिला बनाने की थी। यह कार्य भी 10 फरवरी को पूरा हुआ।उन्होंने अपनी दृढ इच्छा शक्ति से एक्सीडेंट के बाद भी मेडिकल साइंस को झुठला दिया और जीवन के अंतिम समय तक सक्रिय बने रहे। उन्होंने अपने जीवन में अनेक पदों पर कार्य किया उनके अनुभवों का लाभ छत्तीसगढ़ को मिला। उनसे जुड़े व्यक्तिगत संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि श्री जोगी ने मुझे हमेशा सक्रिय रहने की सलाह दी थी। उनकी लेखनी, भाषण शैली और बातचीत की शैली विशिष्ट थी। वे बहुत सी भाषाओं के जानकार थे। उनका निधन छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति है।
श्री बघेल ने दिवंगत पूर्व मंत्री डेरहू प्रसाद धृतलहरे,पूर्व मंत्री बलिहार सिंह,पूर्व सांसद रजनीगंधा देवी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने सांसद और विधायक के रूप में क्षेत्र के लोगों की सेवा की।उन्होने भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में छत्तीसगढ़ के शहीद जवान गणेश कुंजाम सहित सभी शहीद जवानों, नक्सल हिंसा में मृत जवानों और कोरोना से मृत लोगों को भी श्रद्धांजलि दी।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जोगी कुशल प्रशासक और राजनीतिज्ञ थे। हिन्दुस्तान की राजनीति में उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनायी। श्री जोगी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए। श्री कौशिक ने दिवंगत पूर्व मंत्रियों, पूर्व सांसद और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने कहा कि स्वं जोगी के भीतर जिद,जिजीबिषा,जीवटता और जीवंतता थी,ये चार गुण अगर किसी मे ढूढे जाय तो अजीत जोगी के सिवा किसी में यह नही हो सकता था।श्री चुनौती देना जोगी के स्वभाव में था,जूझना उनकी फितरत थी।वह चुनौती देते थे,उसे स्वीकार करते थे और जूझने की ताकत उऩके अऩ्दर थी।उऩके कार्यकाल को,उऩकी सोच को,छत्तीसगढ़ के बारे में उऩके समर्पण भाव को हम हमेशा याद करते रहेंगे।स्वं जोगी की पत्नी डॉ. श्रीमती रेणु जोगी ने स्वर्गीय श्री जोगी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी।उन्होने कहा कि वह दिन में पने देखते थे,उसे बुनते थे और सच करने के उपाय सोचते रहते थे।
मंत्रीगण टी.एस.सिंहदेव, मोहम्मद अकबर, अमरजीत भगत, रविन्द्र चौबे के अलावा सर्वश्री धर्मजीत सिंह, केशव चंद्रा, अजय चंद्राकर, अमरजीत भगत, कवासी लखमा, मनोज मंडावी, बृजमोहन अग्रवाल, शैलेश पाण्डेय, नारायण चंदेल ने भी दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी। सदन में दिवंगतो के सम्मान में सदस्यों ने दो मिनट मौन रखा गया और फिर उनके सम्मान में सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।