नई दिल्ली 01 फरवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज पेश पहले डिजिटल बजट में छह प्रमुख क्षेत्रों स्वास्थ्य तथा कल्याण, भौतिक तथा वित्तीय पूंजी और अवसंरचना आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव संसाधन में नवजीवन का संचार, नव परिवर्तन, अनुसंधान तथा विकास और न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन पर जोर दिया गया है।
आत्मनिर्भर भारत के लिए 13 क्षेत्रों को विनिर्माण में वैश्विक चैम्पियन बनाने के वास्ते बजट में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) घोषित की गई हैं। इसके लिए सरकार वित्त वर्ष 2021-22 से शुरू करते हुए पांच वर्ष में लगभग एक लाख 97 हजार करोड रूपये की व्यवस्था करने के लिए वचनबद्ध है।
किसानों को समुचित ऋण प्रदान करने के लिए सरकार ने अगले वित्तवर्ष में कृषि ऋणों का लक्ष्य बढ़ाकर 16 लाख पचास हजार करोड़ रूपये निर्धारित किया है। पशुपालन, डेरी और मछली उद्योग को ऋण प्रदान करने पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। ग्रामीण ढांचा विकास कोष के लिए आबंटन तीस हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर चालीस हजार करोड़ रूपये करने की भी घोषणा की गई है। कृषि विपणन में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ई-नाम के साथ एक हजार और मंडियों को एकीकृत करेगी।
उज्ज्वला योजना के अंतर्गत सरकार ने इसमें एक करोड़ और परिवारों को शामिल करने का प्रस्ताव किया है।75 वर्ष से ऊपर आयु के पेंशन पर निर्भर वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न भरने से छूट दी गई है।
बजट में स्वास्थ्य और कल्याण पर विशेष जोर दिया गया है। इस क्षेत्र के लिए 137 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दो लाख 23 हजार करोड रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य अवसंरचना पर निवेश पर्याप्त रूप से बढ़ाया गया है। स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए, तीन क्षेत्रों -निवारक, उपचारात्मक, सुधारात्मक और कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
वित्तमंत्री ने कहा कि एक नई केन्द्र प्रायोजित योजना – पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना 64 हजार 180 करोड़ रूपए के परिव्यय के साथ 6 वर्ष के लिए शुरू की जाएगी। इस योजना के अन्तर्गत 17 हजार 788 ग्रामीण और 11 हजार से अधिक शहरी स्वास्थ्य और अरोग्य केद्र खोले जायेंगे।
देश में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए कर छूट के दावे की पात्रता एक और वर्ष, 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा स्टार्टअप्स में फंडिंग प्रोत्साहित करने के लिए इसमें निवेश के लिए पूंजी लाभ छूट को भी एक वर्ष यानी 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने की सिफारिश है।सड़क और राजमार्ग ढ़ांचे में बढ़ोतरी के लिए बजट प्रस्तावों में नये आर्थिक कॉरीडोर बनाने की घोषणा की गई है। वित्तमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में साढ़े तीन हजार किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई राज्यों में नये राजमार्गों का निर्माण किया जायेगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे ने देश के लिए रेल योजना-2030 तैयार की है। बजट में तीन नई रेलवे परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं।बजट में कोच्चि मेट्रो रेलवे फेज-2, चेन्नई मेट्रो, बंगलूरू मेट्रो, नागपुर मेट्रो और नासिक मेट्रो के लिए कई हजार करोड रुपये देने का प्रस्ताव किया है।वित्त मंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन शहरी शुरू किया जाएगा। इसके अंतर्गत चार हजार 378 शहरी स्थानीय निकायों में दो करोड़ 86 लाख घरेलू नल कनेक्शनों के साथ जलापूर्ति और पांच सौ अमृत शहरों में सरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। इसे दो लाख 87 हजार करोड़ रुपये के परिव्यय से पांच वर्ष में कार्यान्वित किया जाएगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि शहरी स्वच्छ भारत मिशन को 2021-2026 तक एक लाख 41 हजार 678 करोड़ रूपए के कुल वित्तीय आवंटन से कार्यान्वित किया जाएगा।उन्होने वायु प्रदूषण की विकराल होती समस्या के समाधान के लिए, 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 42 शहरों के लिए 2 हजार 217 करोड़ रूपए की राशि मुहैया कराने का प्रस्ताव किया है।श्रीमती सीतारामन ने पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को चरणबद्ध रूप से हटाने के लिए स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की। इसके अन्तर्गत 20 वर्ष पुराने व्यक्तिगत और 15 वर्ष पुराने वाणिज्यिक वाहनों की ऑटोमेटेड फिटनेस केन्द्रों में फिटनेस जांच करानी होगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि स्वदेश में निर्मित न्यूमोकोल वैक्सीन, को पूरे देश में दिया जायेगा। अब तक इसे केवल 5 राज्यों में दिया जा रहा है। इससे प्रति वर्ष 50 हजार से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सकेगी। बजट में कोविड टीके के लिए 35 हजार करोड़ रुपए प्रदान किये गए हैं।सरकार ने बीमा कम्पनियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुन: पूंजीकरण के लिए 20 हजार करोड़ रूपये प्रस्तावित किए हैं। सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम का इनिशियल पब्लिक ऑफर – आईपीओ भी लाएगी।बजट में पूंजीगत खर्च को तेजी से बढाकर पांच लाख 54 हजार करोड रूपये करने का प्रावधान भी किया गया है।