रायपुर, 20 फरवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास के लिए विशेष पैकेज की मांग करने के साथ ही एनएमडीसी के नगरनार संयंत्र में विनिवेश नही करने की मांग की है।
श्री बघेल ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की वर्चुवल बैठक में यह मांग की। उन्होने प्रदेश में उद्योगों, कृषि क्षेत्र के विकास, अधोसंरचना विकास, बस्तर अंचल में सिंचाई सुविधा बढ़ाने, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास जैसे राज्य हित के अनेक विषयों पर राज्य सरकार की योजनाओं एवं नीतियों की जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ को अतिरिक्त आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह प्रधानमंत्री से किया।
उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ वनाच्छादित, आदिवासी बहुल और खनिज धारित प्रदेश है यहां औद्योगिक विकास के लिए विशेष पैकेज की अपेक्षा है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज कोयले के वृहद भण्डार होने के बावजूद छत्तीसगढ़ कोल ब्लॉक से वंचित है। इस कारण छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक उपक्रम इकाई के लिए कोल ब्लॉक आबंटित किया जाए। उन्होने वर्ष 2014 के बाद खनिजों की रॉयल्टी दरों में वृद्धि नहीं होने का उल्लेख करते हुए रॉयल्टी दरों में संशोधन किए जाने की मांग की।
श्री बघेल ने बैठक में बस्तर के नगरनार इस्पात संयंत्र का विनिवेश नहीं करने का भी आग्रह किया है।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस संबंध में शासकीय संकल्प भी पारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में उद्योगों के विकास और निर्यात का बढ़ावा देने के लिए रायपुर में कार्गों हब स्थापित करने की मंजूरी देने और निर्यात के लिए पोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लैण्डलॉक्ड राज्यों में शामिल है, इसलिए छत्तीसगढ़ को परिवहन लागत की सुगमता हेतु औद्योगिक गतिविधियों के लिए अंतरदेशीय परिवहन अनुदान दिया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ से निर्यातक एवं कृषि आधारित उद्योगों के विकास को गति मिल सके।