नई दिल्ली 17 अक्टूबर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आयुर्वेद विशेषज्ञों को ऐसी औषधियों का पता लगाने की जरूरत है, जो मरीज को तुरंत राहत दे और इसके कोई दुष्प्रभाव न हों।
श्री मोदी ने दूसरे आयुर्वेद दिवस पर आज यहां सरिता विहार में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के उदघाटन के अवसर पर यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि..प्रीवेटिव हेल्थकेयर को बढावा देने के साथ ही सरकार स्वास्थ्य सेवा में एर्फोडेबिलिटि और एक्सेस बढ़ाने के लिए शुरू से ही होलेस्टिक अपरोच लेकर चल रही है। मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरी पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए पीजी मेडिकल सीट में वृद्धि की गई है और इसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को तो मिलेगा ही साथ साथ गरीबों के इलाज के लिए भी डॉक्टर भी आसानी से उपलब्ध होंगे..।
श्री मोदी ने कहा कि देश के हर जिले में एक आयुर्वेद अस्पताल होना चाहिए और आयुष मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है।उन्होने कहा कि..आयुर्वेद के विस्तार के लिए ये बहुत आवश्यक है कि देश के हर जिले में आयुर्वेद से जुड़ा एक अच्छा अच्छी सुविधाओं से युक्त अस्पताल जरूर हो। इस दिशा में आयुष मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है और तीन वर्ष में ही 65 से ज्यादा आयुष अस्पताल विकसित किए जा चुके हैं..।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संस्थान आयुर्वेद पद्यति को मजबूती प्रदान करेगा।श्री मोदी ने कहा कि कुछ वर्ष पहले सूचना प्रौद्योगिकी में आई क्रांति की तरह ही आयुर्वेद के तहत स्वास्थ्य क्रांति लाने का समय आ गया है।
उन्होंने निजी क्षेत्रों से आग्रह किया कि वे आयुर्वेद प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने वाले अपने कोष का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में सौ प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य की देखभाल के लिए स्वच्छता महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पुणे के रामामनी अय्यंगर स्मारक योग संस्थान को योग पुरस्कार से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने आयुष मंत्रालय के आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार के मानक दिशा-निर्देश भी जारी किए।