नई दिल्ली 26 अक्टूबर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और नये उपभोक्ता कानून का मसौदा तैयार कर रही हैं।
श्री मोदी ने आज यहां अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक केंद्रीय उपभोक्ता नियामक प्राधिकरण भी बनाया जाएगा जिसे शिकायतों के तुरंत निपटान के अधिकार दिए जाएंगे। नया उपभोक्ता कानून उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित 2015 के संयुक्त राष्ट्र के नए दिशा निर्देशों के अनुरूप होगा।
उन्होने कहा कि..हम आज की देश की जरूरतों को, आज के व्यापारिक तौर-तरीकों को अगर ध्यान में रखते हुए एक नया कंज्युमर प्रोटेक्ट ऐक्ट हम बना रहे हैं। नये कानून में कंज्युमर की परेशानी कम समय में, कम खर्च में दूर हो, उसके लिए नियमों को और अधिक सरल किया जा रहा है। मिसलिडिंग विज्ञापनों पर और सख्ती का प्रावधान किया जा रहा है। तुरंत सुनवाई के लिए एक्जीक्यूटिव पावर्स के साथ सेंट्रल कंज्युमर प्रोटेक्टशन एथॉरिटी का भी गठन किया जाएगा..।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वस्तु और सेवा कर प्रणाली लागू होने से कई अप्रत्यक्ष और छुपे हुए करों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। जी एस टी का सबसे अधिक लाभ उपभोक्ताओं और मध्यम श्रेणी के लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी के लागू होने से कारोबार की नई संस्कृति शुरू हुई है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार के कदमों से मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और उपभोक्ताओं का पैसा बचा है। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि ग्रामीण उपभोक्ताओं को डिजीटल संसाधनों से सशक्त बनाया जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छह करोड़ ग्रामीण घरों में से प्रत्येक घर से एक व्यक्ति को डिजीटली साक्षर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना से सालाना 57 हजार करोड़ रूपये का खर्चा बचाया जा चुका है।
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान खाद्य राज्य मंत्री सी आर चौधरी और अंकटाड के महासचिव डॉ मुखीसा किटुई भी सम्मेलन में मौजूद थे। श्री पासवान ने कहा कि नया उपभोक्ता संरक्षण बिल एक क्रांतिकारी विधेयक होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो आई एस आई को अंतर्राष्ट्रीय मानक के बराबर बनाया जाएगा।