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राजस्व व्यय में हुई बेतहाशा वृद्दि से विकास कार्य पूरी तरह से ठप – रमन

रायपुर 05 अगस्त।भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने आरोप लगाया हैं कि राज्य में राजस्व व्यय में हुई बेतहाशा वृद्दि से विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए है।

डा.सिंह ने आज यहां रायपुर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कहा कि सड़क,पुल,अस्पताल जैसी बुनियादी अद्योसंरचना के नए कार्य ही नही ठप हो गए है बल्कि इनके रख रखाव के लिए भी धनराशि नही जारी हो पा रही है।उन्होने कहा कि इस सरकार के पास जनता या मीडिया को ढ़ाई वर्षों में अद्योसंरचना का कोई बड़ा प्रोजेक्ट बताने को नही है। केवल केन्द्र सरकार की योजनाओं का ही क्रियान्वयन हो रहा है।

उन्होने कहा कि सरकार बदलने के बाद विकास कार्यों में आई रूकावट मौजूदा सरकार की इसको लेकर कल्पनाशीलता का अभाव बडा कारण है।उन्होने हाल ही में जारी सीएजी की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आईना दिखाने के लिए काफी हैं कि 90 हजार करोड़ रूपए के बजट में 88600 करोड़ राजस्व व्यय में खर्च हो रहे है।उन्होने कहा कि पूंजीगत व्यय घटकर 10 प्रतिशत रह गया है,जिसके अगले वित्त वर्ष में घटकर 9.4 प्रतिशत पहुंच जाने के आसार है।

डा.सिंह ने कहा कि राज्य पर तेजी से बढ़ते कर्ज पर ब्याज,वेतन भत्ते जैसे अनुत्पादक खर्च बढ़ रहे है,जिसे विकास कार्यों के लिए पैसा ही शेष नही बच रहा है।उन्होने कहा कि हालात यहां तक खराब हैं कि राज्य के अपने हिस्से की धनराशि नही देने के कारण ढ़ाई वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए बनने वाले सात लाख मकान की राशि वापस चली गई।सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा है।

उन्होने भाजपा द्वारा राज्य में सर्वे करवाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हे हालांकि इसकी जानकारी नही है,लेकिन राजनीतिक दल ऐसे सर्वे करवाते है और उसके आधार पर अपनी रणनीति बनाते है।उन्होने कांग्रेस में टी.एस.सिंहदेव विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह कांग्रेस का अन्दरूनी मामला है कि ढ़ाई ढाई वर्षों की कोई बात थी या नही।उन्होने इसे भाजपा द्वारा हवा देने के बारे में पूछे जाने पर हंसते हुए कहा कि भाई 14 लोग है,क्या करेंगे।

डा.सिंह ने कहा कि 15 वर्षों के शासनकाल में तमाम उपलब्धियों के बाद यह सपना अधूरा रह गया कि बस्तर से लेकर सरगुजा तक शान्ति हो और नक्सलवाद का अन्त हो।उन्होने कहा कि उनका 2024 में केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बने यहीं अहम लक्ष्य है। बस्तर में पेसा कानून लागू करने को लेकर चल रहे आन्दोलन के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि राज्य सरकार को इस बारे में आन्दोलनकारियों से बातचीत करना चाहिए।