नई दिल्ली 17 अगस्त।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में खेल संस्कृति को विकसित करने के लिए तौर-तरीकों और प्रणाली में सुधार जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेलों के संवर्धन के साथ पारम्परिक खेलों को भी नई पहचान मिल रही है।
श्री मोदी ने तोक्यो पैरालिम्पिक खेलों के लिए भारतीय पैरा एथलीट दल के सदस्यों के साथ वर्चुअल माध्यम से संवाद करते हुए कहा कि स्थानीय प्रतिभाओं की पहचान के लिए तीन सौ साठ खेलो इंडिया केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इन केन्द्रों की संख्या शीघ्र ही एक हजार की जाएगी।
श्री मोदी ने कहा कि गांव और सुदूर क्षेत्रों में अनेक प्रतिभाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पैरा-एथलीट का यह दल इस बात का उदाहरण हैं। ऐसे अनेक युवा हैं जिनमें अनेक पदक लाने की क्षमता है और देश उन तक पहुंचने के प्रयास कर रहा है। पैरा-एथलीट के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति की सराहना करते हुए श्री मोदी ने पैरालिम्पिक खेलों में अब तक का सबसे बड़ा दल भेजने का श्रेय खिलाडियों की कड़ी मेहनत को दिया। उन्होंने आशा प्रकट की कि भारत तोक्यो पैरालिम्पिक खेलों में नया इतिहास रचेगा।
उन्होने यह भी कहा कि आज का नया भारत एथलीटों पर पद के लिए दबाव नहीं डालता बल्कि उनसे श्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद करता है।उन्होने कहा कि पहले दिव्यांगजनों को सुविधाएं देना कल्याण माना जाता था लेकिन आज देश यह कार्य जिम्मेदारी समझते हुए कर रहा है।
खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पैरा-एथलेटिक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पैरा-एथलीटों की जुझारू भावना की प्रशंसा की। उन्होंने देशभर के एथलीटों को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।
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