नई दिल्ली 30 अक्टूबर।उच्चतम न्यायालय ने कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दायर पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सवाल उठाया है।
न्यायालय ने आज इस बारे में दाय़र याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कहा कि संघीय ढांचे वाली शासन पद्धति में एक राज्य संसद के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका कैसे दाखिल कर सकता है।पश्चिम बंगाल सरकार ने आधार को अनिवार्य बनाने के आदेश को उच्चतम न्यायालय में पिछले शुक्रवार को चुनौती दी थी।इस आदेश में कहा गया कि आधार के बिना कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिए जाएंगे।
हालांकि उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा है कि केंद्र के फैसले को सिर्फ कोई व्यक्ति चुनौती दे सकता है, राज्य नहीं। इसने कहा है कि अगर राज्य के मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी व्यक्तिगत तौर पर याचिका दायर करेंगी तो उस पर विचार किया जाएगा।
इस बीच न्यायालय ने मोबाइल फोन को आधार से जोड़ने के आदेश को चुनौती देने वाली एक व्यक्ति की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है और केंद्र से चार सप्ताह के अंदर इसका जवाब देने को कहा गया है। कल्याणकारी योजनाओं और मोबाइल नम्बर तथा बैंक खातों को आधार से जोड़ना अनिवार्य करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली अनेक याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
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