रायपुर 29 सितम्बर।छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर निवासरत सम्पत्ति मालिक का ड्रोन के माध्यम से सर्वे कर सम्पत्ति मालिक को अधिकार अभिलेख प्रदान करने के लिए स्वामित्व योजना शुरू हो रही है।
भू-अभिलेख आयुक्त ने आज यहां बताया योजना का राज्य में क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। साथ ही केन्द्रीय पंचायत राज मंत्रालय, राज्य पंचायती राज विभाग छत्तीसगढ़, सर्वे ऑफ इंडिया, राज्य सूचना केन्द्र एवं ग्राम पंचायतें परस्पर सहयोगी के रूप में कार्य करेंगे। योजना के पायलेट चरण में छत्तीसगढ़ के दुर्ग, कबीरधाम एवं कोरबा जिलों को शामिल किया गया है।
उन्होने बताया कि केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर निवासरत संपत्ति मालिकों को ड्रोन के माध्यम से सर्वे का अधिकार अभिलेख प्रदान करने के लिए स्वामित्व के पायलेट चरण के सफलता को देखते हुए, द्वितीय चरण के रूप में अन्य राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ राज्य का भी चयन किया गया है, जिसे वित्तीय वर्ष 2024-25 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
स्वामित्व योजना अंतर्गत ग्राम के चयन उपरांत ग्राम, ग्राम सभा, विशेष ग्राम सभा, मुनादी, लाउडस्पीकर और टेलीविजन इत्यादि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। ड्रोन सर्वे के एक दिवस पूर्व, राजस्व एवं पंचायत विभाग के कर्मचारियों द्वारा चूना मार्किंग किया जाएगा। ड्रोन सर्वे का कार्य सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से किया जाएगा। सर्वे के दौरान पंचायतों के सरपंच, सम्पत्ति मालिक, पुलिस कर्मचारी आदि उपस्थित रहेंगे।
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