Friday , November 15 2024
Home / MainSlide / राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए केन्द्रीय मद की राशि में कटौती से राज्यों पर आर्थिक बोझ-भूपेश

राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए केन्द्रीय मद की राशि में कटौती से राज्यों पर आर्थिक बोझ-भूपेश

रायपुर 15 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संचालन के लिए केन्द्रीय मद की राशि में कटौती से राज्यों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया हैं।

    श्री बघेल ने चालू वित्त वर्ष के 2108 करोड़ 62 लाख 84 हजार 389 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए आज कहा कि केन्द्र सरकार एक तरफ राज्यों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संचालन के लिए केन्द्रीय मद की राशि में कटौती कर रही है, वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के हक की लगभग 20 हजार करोड़ की राशि नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा सेन्ट्रल एक्साइज की कटौती 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया है, लेकिन इसकी राशि छत्तीसगढ़ को नहीं मिल रही है। लगभग चार हजार करोड़ रूपए कोल कम्पनशेसन की राशि भी नहीं मिली है।

उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा एक तरफ छत्तीसगढ़ के हक की राशि नहीं दी जाती और दूसरी तरफ कहा जाता है कि राज्य सरकार केन्द्र की योजनाओं को पूरा नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन में वर्ष 2014 तक केन्द्र और राज्य का अंशदान क्रमशः 85 एवं 15 का रहता था, जिसे बदलकर अब 60 एवं 40 का अनुपात कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में शत्-प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार से मिलती थी, अब इसमें 60 एवं 40 का अनुपात कर दिया गया है। मनरेगा में केन्द्र सरकार से पहले 90 एवं 10 के अनुपात में राशि मिलती थी, अब इसमें 75 एवं 25 का अनुपात कर दिया गया है।

श्री बघेल ने कहा कि इंदिरा आवास में 75 एवं25 का अनुपात रहता था अब इसे 60 एवं 40 कर दिया गया है।राजीव आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना तथा मध्यान्ह भोजन में 70 एवं 30 का अनुपात को बदलकर 60 एवं40, इसी प्रकार राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में 75 एवं 25 को 60 एवं 40, आईसीडीएस में 85 एवं15 को अब 60 एवं 40 कर दिया गया है।उन्होने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों में केन्द्रांश घटाकर राज्यों पर बोझ बढ़ा दिया गया है। अब राज्यों पर काम नहीं करने का आरोप मढ़ा जा रहा है।

उन्होने कहा कि राष्ट्रीय योजनाओं के संचालन के लिए केन्द्रांश प्राप्त होने की प्रक्रिया में जब हम बात करना चाहते हैं तब हमसे कहा जाता है कि कोरोना काल के बाद स्थितियों में परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की परिस्थितियां केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों के लिए थी। केन्द्र सरकार पहले केन्द्रांश दे उसके बाद राज्य राज्यांश देंगे। केन्द्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीद के लिए कई तरह के अड़ंगे लगाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर सेस कम करने के बदले एक्साइज ड्यूटी में कमी करने से राज्य सरकार को कम से कम 800 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद हमने अपने कहे मुताबिक छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित रखा है। यहां पड़ोसी राज्यों से भी कम दर पर पेट्रोल-डीजल उपलब्ध है।

श्री बघेल के जवाब के उपरान्त सदन ने ध्वनिमत से अनुपूरक बजट एवं तत्संबंधी विनियोग विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। पारित हो गया।विधानसभा में आज ही माल और सेवा कर संशोधन विधेयक, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन विधेयक, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) संशोधन विधेयक भी ध्वनिमत से पारित किया गया।