रायपुर 07 मार्च।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा हैं कि उनकी सरकार द्वारा खुशहाल छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों से न सिर्फ तात्कालिक संकटों का समाधान हुआ है बल्कि राज्य की दीर्घकालीन विकास नीति की बुनियाद भी मजबूत हुई है। समावेशी विकास का ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ बहुमुखी सफलताओं का प्रतीक बन गया है।
सुश्री उइके ने आज विधानसभा में अपने अभिभाषण में यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्थानीय संसाधनों और जनता के आत्म गौरव के प्रति सरकार के बेहद संवेदनशील व्यवहार को भरपूर सराहना मिल रही है। समावेशी विकास का छत्तीसगढ़ मॉडल बहुत सफल रहा है।राज्य में खेती के प्रति लोगों का रुझान लौटना अपने आप में बड़ी सफलता मानी जा रही है। धान के साथ ही अन्य खरीफ फसलों को भी ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ का लाभ लगातार दिया जा रहा है। इसमें उद्यानिकी तथा लघु धान्य फसलों को भी शामिल किया गया है।
उन्होने कहा कि किसानों को ब्याजमुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष 5900 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अभी तक 85 प्रतिशत राशि दी जा चुकी है। लगभग 6 दशक बाद प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का पुनर्गठन किया गया है, जिससे 725 नवीन समितियां भी कृषि ऋण वितरण व अन्य योजनाओं के संचालन में सहयोग दे रही हैं। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में प्रथम एथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु एमओयू के तहत कार्य प्रगति पर है, वहीं अतिशेष धान से भी एथेनॉल उत्पादन के लिए काफी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रदेश के 14 आदिवासी बहुल जिलों के 25 विकासखण्डों में 1 हजार 735 करोड़ रुपए की लागत से ‘चिराग परियोजना’ की शुरुआत का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि इससे आदिवासी अंचलों में आजीविका के नए साधन बनेंगे।उन्होने कहा कि ‘सुराजी गांव योजना’ के माध्यम से नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी को बचाने का जो संकल्प लिया था, वह सफलता के नए-नए शिखरों को छू रहा है। नाला उपचार के हजारों कार्यों से भू-जल स्तर बढ़ा है। ‘गोधन न्याय योजना’ का लगातार विस्तार किया जा रहा है, जिससे गोबर विक्रेताओं को लगभग 127 करोड़ रुपए की राशि सीधे प्रदान की गई है।
उन्होने कहा कि आदिवासी अंचलों में चाय, कॉफी, काजू, तीखुर, अलग-अलग विशेषताओं वाले चावल, उच्च गुणवत्ता के फल, विदेशों में बेचे जाने योग्य पोषक उत्पादों के काम में स्थानीय लोगों की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। इससे स्थानीय लोगों और उनके उत्पादों के साथ प्रदेश को भी एक नई पहचान मिली है।
सुश्री उइके ने कहा कि सरकार ने शहरों, गांवों सहित सभी क्षेत्रों में सड़क अधोसंरचना के विकास के लिए एक बड़ी कार्ययोजना बनाई है, जिसके तहत 24 हजार करोड़ रुपए की लागत से सड़क, पुल-पुलिया निर्माण के कार्य कराए जा रहे हैं। प्रत्येक निविदा अनुबंध में बेरोजगार इंजीनियरों की उपस्थिति और ई-श्रेणी पंजीयन की व्यवस्था से लगभग आठ हजार स्थानीय युवाओं की निर्माण कार्यों में भागीदारी तय की गई है। ई-श्रेणी में विकासखण्ड स्तर पर 225 करोड़ रुपए के कार्य पंजीकृत युवाओं को आबंटित किए गए हैं।
. उन्होने कहा कि अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने रणनीति पर काम कर 42 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता निर्मित की गई, वहीं बेहतर प्रबंधन से तीन लाख हेक्टेयर से अधिक वास्तविक सिंचाई में वृद्धि की गई है। केलो, खारंग, मनियारी, अरपा-भैंसाझार परियोजनाओं के शेष काम वर्ष 2022 में ही पूर्ण करने का लक्ष्य है। इतना ही नहीं, किसानों पर बरसों से लंबित सिंचाई जल कर की राशि 342 करोड़ रुपए अब तक माफ की गई है, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिला है।
सुश्री उइके ने कहा कि जिला खनिज संस्थान न्यास निधि का उपयोग व्यापक जनहित में करने के लिए अनेक सुधार किए हैं, जिसके तहत निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अतिरिक्त महिलाओं एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्यों का नामांकन सुनिश्चित किया गया है। सही नीति और सही अमल के कारण इस निधि की औसत प्राप्ति 1 हजार 200 करोड़ रुपए वार्षिक से बढ़कर दो हजार करोड़ रुपए हो गई है। इसी तरह गौण खनिजों से प्राप्त राशि का शत-प्रतिशत वितरण ग्रामीण विकास, पंचायतों और स्थानीय निकायों में करने के निर्णय से विगत वर्ष लगभग 261 करोड़ रुपए इन क्षेत्रों को दिए गए हैं।
उन्होने कहा कि सरकार ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ के रूप में एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभा रही है। इस कार्य में आंगनवाड़ी सेवाएं, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन तिहार, नवा जतन, महतारी जतन योजना आदि का सहयोग भी मिल रहा है। इस अभियान का सुपरिणाम है कि एनएफएचएस 5 के ताजा आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर राष्ट्रीय औसत से भी कम होकर 31.3 प्रतिशत हो गई है।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास हेतु तीन नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना तथा एक निजी मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया है। इसी प्रकार नए 50 उपस्वास्थ्य केन्द्र, 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, दो जिला अस्पताल,दो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की स्वीकृति दी। साथ ही विभिन्न संस्थाओं का उन्नयन भी किया गया है।
उन्होने कहा कि सरकार ने प्रदेश में न्याय व्यवस्था की मजबूती के लिए 37 व्यवहार न्यायाधीशों की नियुक्ति की है। अपराध पीड़ित बच्चों के प्रकरणों के लिए (पॉक्सो) फास्ट ट्रेक कोर्ट तथा अधिवक्ताओं के लिए राज्य अधिवक्ता संस्थान की स्थापना कर रही है।राजस्व न्यायालय के कार्यों में पारदर्शिता तथा तेजी लाने के लिए ‘ई-कोर्ट’ प्रारंभ किए गए हैं। भूमि के पंजीयन, नामांतरण, डायवर्सन, फ्री-होल्ड, वार्षिक भू-भाटक के एकमुश्त भुगतान में राहत, शासकीय भूमि के आबंटन आदि प्रक्रियाओं को सरल किया गया है।
सुश्री उइके ने कहा कि कोविड से मृत व्यक्तियों के आश्रितों को 102 करोड़ रुपए की राहत, बेमौसम बारिश तथा ओलावृष्टि प्रभावितों को 9 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गई है, जो संकटग्रस्त लोगों को मदद करने की सरकार की दृढ़इच्छा-शक्ति का प्रतीक है।इसके साथ ही कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए ‘महतारी दुलार योजना’ शुरू की गई है, जिसके तहत प्रभावित बच्चों की फीस माफी के अलावा इन्हें छात्रवृत्ति भी दी जा रही है।
उन्होने कहा कि सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत नशाबंदी के संबंध में अध्ययन करने हेतु तीन समितियों का गठन किया है, जो विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रही हैं। विगत दो वर्षों में 99 मदिरा दुकानों तथा रेस्टोरेंट बार को बंद किया गया है। प्रदेश में मदिरा के अवैध कारोबार की रोकथाम के लिए दो नए आबकारी संभाग गठित किए गए हैं, वहीं 28 स्थानों पर आबकारी जांच चौकी संचालित की जा रही है।
उन्होने कहा कि सरकार के विशेष प्रयासों से जगदलपुर तथा बिलासपुर हवाई सेवा से जुड़ गए हैं। मां दन्तेश्वरी एयरपोर्ट, जगदलपुर से हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर सेक्टर में तथा बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट, बिलासपुर (चकरभाठा) से दिल्ली-जबलपुर- बिलासपुर- प्रयागराज सेक्टर में अब नियमित विमान सेवा का संचालन हो रहा है, जिससे इस क्षेत्र में विकास के नए द्वार खुले हैं।इसके साथ ही राज्य शासन द्वारा मां महामाया एयरपोर्ट, अम्बिकापुर दरिमा के रनवे के विकास के लिए 43 करोड़ 98 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। शीघ्र ही एयरपोर्ट का लायसेंस प्राप्त कर यहां से भी घरेलू विमान सेवा प्रारंभ करने की योजना है।
राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति एप, पुलिसकर्मियों का मानसिक तनाव दूर करने के लिए ‘स्पंदन’ कार्यक्रम, नक्सल प्रभावित अंचलों में 900 से अधिक परिवारों को मुकदमों से मुक्ति, ठगी की आरोपी चिटफण्ड कंपनियों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही से न्याय का विस्तार हुआ है। चिटफण्ड कंपनियों में पैसा जमा करने वाले 17 हजार से अधिक निवेशकों को 11 करोड़ रुपए से अधिक राशि लौटाई जा चुकी है।
उन्हेने कहा कि विभिन्न प्रयासों से नक्सली हिंसा की घटनाओं में प्रभावी रोक लगी है। वहीं 46 नक्सलवादियों को धराशायी करने तथा 555 नक्सलवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में बड़ी सफलता मिली है। इस तरह प्रदेश में शांति व्यवस्था का दायरा भी लगातार बढ़ रहा है। जिसके कारण हर क्षेत्र में विकास की गतिविधियों का भी विस्तार हो रहा है।