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पूर्व मंत्री शिवतरे को शिवसेना ने दिखाया बाहर का रास्ता, जाने कारण

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने पार्टी-विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री विजय शिवतरे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पुणे जिले की पुरंदर सीट से विधायक शिवतरे केनिष्कासन की घोषणा शिवसेना के मुखपत्र सामना में की गई है। पार्टी से निष्कासन के बाद मीडिया से बात करते हुए शिवतरे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा असली शिवसेना है।

2019 में कांग्रेस से हाथ मिलाने के फैसले से शिवसेना में कोई भी खुश नहीं था। बालासाहब ठाकरे के हिंदुत्व पर चल रही पार्टी ही असली शिवसेना है। उन्होंने कहा कि वह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का सम्मान करते हैं, लेकिन कांग्रेस केसाथ गठबंधन को लेकर शिवसेना में व्याप्त असंतोष को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

बता दें कि विजय शिवातरे को महाराष्‍ट्र में बापू के नाम से भी जानते हैं। वे 13 विधानसभा के सदस्‍य हैं। वर्ष 2019 में वे पुरंदर विधानसभा सीट से शिवसेना के टिकट पर जीत हासिल कर विधायक बने थे। वर्ष 2014 में उन्‍हें शिवसेना ने पार्टी प्रवक्‍ता की जिम्‍मेदारी भी दी थी। कभी शिवतरे उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाते थे। दिसंबर 2014 में शिव सेना की सरकार में उन्‍हें वाटर कंजरवेशन और वाटर रिर्सोसेज में राज्‍य मंत्री बनाया गया था।

इसके अलावा उन्‍हें सहारा जिले का गार्जियन मिन‍िस्‍टर भी नियुक्‍त किया गया था। शिवतरे लगातार तीन बार से महाराष्‍ट्र विधानसभा के सदस्‍य हैं। इस बार वो शिवसेना के भाजपा छोड़कर अन्‍य दलों के साथ हाथ मिलाने से काफी खफा थे। यही वजह थी कि उन्‍होंने एकनाथ का साथ दिया और उद्धव ठाकरे से बगावत की और शिवसेना को उन्‍हें पार्टी ने बाहर का रास्‍ता दिखाना पड़ा।

बता दें कि शिव सेना के एक धड़े ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्‍व में पार्टी से बगावत कर भाजपा के साथ सरकार बनाई है। इसमें पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को भी उप मुख्‍यमंत्री बनाया गया है।