रायपुर 22 नवम्बर। छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा ने गरियाबन्द जिले के सुपेबेड़ा गांव के लोगो द्वारा दूषित पेयजल एवं लगातार हो रहे स्वास्थ्य की खराबी तथा सरकार की अनदेखी से भयभीत होकर दुखी मन से उड़ीसा राज्य में शामिल होने का आवेदन लगाए जाने को दुर्भाग्यजनक है।
सुश्री वर्मा ने सुपेबेड़ा की दर्दनाक परिस्थितियों का जायजा लेकर लौटने पर आज यहां मीडिया से चर्चा करते हुये कहा कि रमन सरकार के संवेदनहीनता एवं गैरजिम्मेदराना रवैये के चलते दूषित पेयजल एवं लगातार हो रहे स्वास्थ्य की खराबी तथा सरकार की अनदेखी से भयभीत होकर सुपेबेड़ा के निवासी दुखी मन से उड़ीसा राज्य में शामिल होने का आवेदन लगा चुके है, जो बहुत ही दुर्भाग्यजनक है। अब तक इस जानलेवा किडनी की बीमारी के चलते 58 लोग मौत के शिकार हो चुके है। वहीं लगभग 185 से ज्यादा लोग आज भी इस बीमारी से जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे है, बीमारी से छुटकारा पाने के लिये समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने के लिये ग्रामवासी स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन से लेकर सरकार तक अपनी गुहार लगा चुके है।
उन्होने आरोप लगाया कि आज पर्यन्त तक न तो वहां किसी भी प्रकार की कोई भी ठोस पहल इस बीमारी से निजात दिलाने के लिये सरकार के द्वारा की जा सकी है और न ही सरकारी अमला इस गंभीर जानलेवा बिमारी के प्रति सजग दिखायी पड़ता है।यही कारण है कि सुपेबेड़ा में रहने वाले पूरे ग्रामीणजनों का भरोसा इस सरकार से पूरी तरह उठ चुका है और हार थककर कोई रास्ता निजात पाने का नहीं दिखने के चलते भारी दुःखी मन से ग्रामवासियों ने सुपेबेड़ा गांव को उड़ीसा राज्य में शामिल होने की मांग की है जो निश्चित रूप से बहुत ही दुर्भाग्यजनक और राज्य सरकार के लिये शर्मसार कर देने वाला वाकया है।