नई दिल्ली 21 दिसम्बर। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नये उपभोक्ता संरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है।इसमें उपभोक्ताओं के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए एक प्राधिकरण बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
नये विधेयक में मिलावट के मामलों और कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों के लिए जुर्माना लगाने के साथ कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।नये विधेयक में गुमराह करने वाले विज्ञापनों में शामिल जानी-मानी हस्तियों पर भी जुर्माना और तीन साल तक प्रतिबंध लगाने की यह व्यवस्था की गई है।
मंत्रिमंडल ने कल उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2017 पेश करने को मंजूरी दे दी। इसके पेश होने के बाद 2015 में लाया गया विधेयक वापस ले लिया जायेगा।केन्द्र ने तीस वर्ष पुराना उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 1986 रद्द करने के लिए अगस्त 2015 में लोकसभा में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पेश किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में कहा था कि उपभोक्ता संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है।