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उत्तराखंड सरकार ने पीड़ितों का बिजली-पानी माफ करते हुए बढ़ाया मकान का किराया..

जोशीमठ भूं-धंसाव (Land Subsidence) पर फोकस करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। दरारग्रस्त पीड़ितों को राहत पहुंचाते हुए उत्तराखंड सरकार ने पीड़ितों के लिए बिजली और पानी बिल माफ कर दिया है। बिजली औ पानी के बिल नवंबर से छह माह के लिए माफ किया गया है। सरकार ने मकान किराया में भी बढ़ोत्तरी की है। जोशीमठ पीड़ितों को अब 4 की बजाय 5 हजार रुपये प्रतिमाह मकान किराया मिलेगा। 

फैसला लिया गया है कि कहा कि पांच स्थानों पर विस्थापन की संभावना तलाशी जाएगी। राहत कैंप में रहने वालों को भोजन के लिए प्रति व्यक्ति 450 रुपऐ भी दिए जाएंगे।  कोपरेटिव से लिए बैंक लोन ब्याज छह एक साल को माफ भी होगा। हर प्रभावित परिवार से दो लोगों को मनरेगा की मजदूरी समान प्रतिदिन सहायता राशि दी जाएगी।  कैबिनेट मीटिंग में यह भी फैसला लिया गया है कि सभी पहाड़ी शहरी की धारण क्षमता की जांच होगी। 

मालूम हो कि जोशीमठ पहुंचे सीएम धामी ने कहा था कि आपदा के प्रभावितों के विस्थापन और पुनर्वास के लिए सरकार ज्यादा से ज्यादा मुआवजा देगी। धामी ने गुरुवार को जोशीमठ में मुआवजा और पुनर्वास निर्धारण के लिए गठित समिति और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ वार्ता में यह आश्वासन दिया।

सीएम ने कहा कि समिति और स्थानीय लोग मिलकर संयुक्त रूप संपत्तियों की बाजार दर तय करेंगे। इसके बाद सरकार सभी प्रभावित परिवारों को बेहतर से बेहतर मुआवजा देगी। सीएम ने कमेटी के सदस्यों के साथ पुनर्वास और मुआवजा राशि पर विस्तार से चर्चा की। कमेटी द्वारा तय किए जा रहे फार्मूले की जानकारी ली।

इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी मुआवजे और विस्थापन को राय जानी। दोनों पक्षों से बातचीत के बाद सीएम ने कहा कि सरकार की जोशीमठ और भू-धंसाव प्रभावित लोगों को सुरक्षित भविष्य देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आपदा से प्रभावित लोगों को मानसिक रूप से भी सबल बनाना है।

सरकार की ओर से अधिकतम जो हो सकता है, वह किया जाएगा। सीएम ने कहा कि फरवरी में औली में विंटर गेम्स होने है। कुछ महीने बाद चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। सभी यह भी देखना होगा कि जोशीमठ से बाहर कोई गलत संदेश न जाए।